यहां पढ़े- सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर तुच्छ सियासत

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पाकिस्तान तो भारत पर दवाब बना ही रहा है कि अगर सर्जिकल स्ट्राइक हुई है तो उसका सबूत पेक्ष किया जाए, लेकिन अब भारतीय राजनेताओं ने पाकिस्तानी भाषा बोलनी शुरू कर दी और मोदी सरकार से सर्जिकल स्ट्राइक पर जवाब मंगाने शुरू कर दिए।

आपको बता दें देशभर में कुछ दिन पहले सर्जिकल स्ट्राइक पर विपक्ष ने खूब हल्ला किया। केंद्र सरकार को इस सफल कदम के लिए बधाई दी, लेकिन अब वहीं विपक्ष पार्टियां हल्ला कर रही है और सबूत मांग रही हैं कि देश को बताया जाए मोदी सरकार ने कब और कहां  कैसे हमले करवाएं। नीचे हम आपको बता रहे है किस प्रकार सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीति हावी हो गई है।

 सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर तुच्छ राजनीति बोल-

  •  सबसे पहले इसकी शुरूवात भले ही पाकिस्तान ने की हो लेकिन इसे देश में हवा अरविंद केंजरीवाल दी। उन्होंने अपने एक वीडियो के जरिए कहा कि कई समाचार माध्यम इस पर सवाल उठा रहे हैं जिसका जवाब सबूतों से दिया जाना चाहिए।
  • कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ” हम सर्जिकल स्ट्राइक पर कोई सवाल नहीं उठा रहे हैं लेकिन ये कोई पहला सर्जिकल स्ट्राइक नहीं है। सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर तुच्छ राजनीति ना की जाए। हमारा यही कहना है”

मंगलवार को दिन में ही कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने भारतीय सेना के नियंत्रण रेखा पर सर्जिकल स्ट्राइक के दावे पर सवाल उठाए थे। हालांकि कांग्रेस ने संजय निरूपम के बयान से किनारा कर लिया है। निरुपम ने मंगलवार को ट्वीट किया, “प्रत्‍येक भारतीय पाकिस्‍तान के खिलाफ़ सर्जिकल स्‍ट्राइक्‍स चाहता है, लेकिन भाजपा की तरह राजनीतिक फ़ायदे के लिए नहीं फर्ज़ी स्ट्राइक्स नहीं चाहिए।

निरुपम ने अपने ट्वीट में दो स्क्रीनशॉट्स भी लगाए हैं, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की तस्वीरें लगी हैं। रणदीप सुरजेवाला का कहना था, ”कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक रूख यही है कि हम भारतीय सेना के साथ हैं और सर्जिकल स्ट्राइक्स का समर्थन करते हैं लेकिन पाकिस्तान इसे लेकर जिस तरह का दुष्प्रचार कर रहा है उसका जवाब देने की ज़िम्मेदारी भी केंद्र सरकार की है।”

  • इससे पहले भी कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि उनकी सरकार के कार्यकाल में भी इस तरह की कार्रवाई हुई थी, लेकिन उन्होंने इस मामले को हवा नहीं दी थी।
निरुपम का ट्वीट
  • निरुपम के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर ये ट्रेंड करने लगा।
  • राजेश भट्ट ने ट्वीट किया, “संजय निरुपम ने इस बात की अनदेखी की है कि सर्जिकल स्ट्राइक्स की डीजीएमओ ने पुष्टि की है, क्या कांग्रेस बहरी है?”
  • आशुतोष जोशी ने ट्वीट किया, “भारतीय सेना से आग्रह है कि अगली बार जब आप सर्जिकल स्ट्राइक्स के लिए जाएं तो अरविंद केजरीवाल और संजय निरुपम को साथ ले जाएं.”

ट्विटर हैंडल @cifarshayar से लिखा गया है, “संजय निरुपम सही हो सकते हैं, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन और एलओसी पर गई अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने सर्जिकल स्ट्राइक्स की खबरों को झुठलाया है।”