अणुव्रत मानवता का ही विकास करता है- मुनि सुरेश कुमार

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जिला संवाददाता भीलवाड़ा। अणुव्रत समिति शाहपुरा के तत्वावधान में आज रामनगर स्थित लार्ड स्वाध्याय भवन में सर्वधर्म सद्भावना समवाय का आयोजन किया गया ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय केंद्र प्रभारी बीके संगीता बहन की मौजूदगी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्य महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासनश्री ध्यान साधक मुनि सुरेश कुमार हरनावां सहवर्ती मुनि संबोध कुमार मेधांश के सानिध्य में आयोजित इस सर्वधर्म सद्भावना समवाय में वक्ताओं ने शाहपुरा के सांप्रदायिक सौहार्द की सराहना करते हुए अणुव्रत आंदोलन के सिद्धांतों को आत्मसात करने पर जोर दिया।हास्यकवि दिनेश बंटी ने सांप्रदायिक सौहार्द आधारित रचना सुनाकर कार्यक्रम का आगाज किया। कवि बंटी ने जब आरती और अजान अ से बनते है, जब मन्दिर व मस्जिद म से बनते है, जब ईश्वर व ईलाही दोनो एक ही है, मेरे भाई तो किस बात का फसाद किस बात की लडाई, रचना प्रस्तुत की।
मुनि सुरेश कुमार हरनावा ने कहा कि मनुष्य भव हमें पुण्य से प्राप्त हुआ है। इतना अच्छा अवसर हर किसी को नहीं मिलता। हम हमारे पुण्य कर्म के कारण ही प्रशस्त भाव के साथ आज इस अनुष्ठान को कर रहे हैं। विरले जीव ही पात्र बनकर आराधना करते हैं। हमें सिर्फ संसार की चिंता नहीं करनी चाहिए। स्वयं की और आत्मा की चिंता भी करो। आत्म चिंतन की ओर बढ़ें। हमारी आत्मा-परमात्मा कैसे बने इस बात का और हमारी घड़ी कितनी शेष रह गई है, इस बात का विचार करें। पल का कोई ठिकाना नहीं है। मानव वह है जिसमें इमानवता आए। अणुव्रत मानवता का ही विकास करता है।सत्य व अहिंसा को सभी धर्मो में स्थान दिया गया है।

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