संवाददाता भीलवाड़ा। श्रमण संघ के उपाध्याय प्रवर 99 वर्षीय मूलमुनि महाराज के कोटा में अस्वस्थ होने पर आज आसींद जैन श्रावक संघ ने महावीर भवन में 25 मिनिट तक नवकार महामन्त्र का सामूहिक जाप कर भगवान महावीर से उपाध्याय प्रवर को शीघ्र स्वस्थ करने की तपाचार्य साध्वी जयमाला सहित सभी साध्वियों एवं श्रावक – श्राविकाओं ने कामना की। संघ के मंत्री देवी लाल पीपाड़ा ने बताया कि आसींद संघ आज बिजयनगर में आचार्य अभयमुनि के सम्मुख आगामी चातुर्मास की विनती लेकर उपस्थित हुआ जिस पर आचार्य अभयमुनि ने आगामी 2022 का चातुर्मास आसींद में करने की घोषणा की जिससे आसींद श्री संघ में खुशी की लहर दौड़ गई। धर्म सभा मे सामूहिक जाप के पश्चात साध्वी चंदनबाला ने कहा कि नवकार महामन्त्र के नमो के भीतर ओम शब्द छिपा हुआ है। नवकार महामन्त्र एवं बड़ी साधु वंदना में अपार शक्ति निहित है जिसने इसको शुद्ध मन से जप लिया उस व्यक्ति की आत्मा, परमात्मा में बदलते हुए देर नही लगती है। साध्वी ने कहा कि अन्तरात्मा की आवाज तब सुनाई देती है जब हम बाहर को देखना बन्द कर देंगे। अपने भीतर को जानने और पहचानने के लिए विवेक की जरूरत होती है। तपस्या 12 प्रकार की होती है 6 तपस्या आंतरिक और 6 तपस्या बाह्य होती है। साध्वी आनन्दप्रभा ने कहा कि गुरु का काम हमे रास्ता बताना होता है, गुरु हमे सदैव सही मार्गदर्शन देते है उस पर हम चले तो हमारा जीवन कल्याणमय बन जाता है। नवकार महामन्त्र एक ऐसा महामन्त्र है जिसमे 14 पूर्व का सार है। बड़ी खुशी की बात है कि आसींद में वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के सानिध्य में पिछले 30 सप्ताह से नियमित हर रविवार को सामूहिक जाप हो रहा है, यह जैन समाज के लिए अनुकरणीय है। जिंदगी में सच्चा सुख प्राप्त करना हो तो अधिक से अधिक जिनेश्वर देव की आराधना करे। तपस्या के क्रम में आज पिस्ता देवी गुलाब चंद चौधरी ने 61 एकासन के ऊपर तेले की तपस्या कर आज पारणा किया। साध्वी मंडल एवं संघ ने उनकी तपस्या की अनुमोदना की। धर्मसभा में साध्वी डॉ चंद्रप्रभा भी उपस्थित थे। बाहर से आये श्री संघो का महावीर युवक मंडल अध्यक्ष कमलेश कूकड़ा ने स्वागत किया।
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