अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे अन्ना हजारे, मोदी सरकार के सामने रखी हैं ये मांगे

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नई दिल्ली: आज 23 मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान में समाजसेवी अन्ना हजारे अनशन करने जा रहे हैं। अन्ना ने सरकार के सामने किसानों के मुद्दों और लोकपाल बिल पर अपना अनिश्चितकालीन अनशन की चेतावनी दी है। अन्ना रामलीला मैदान में जाने से पहले महात्मा गांधी की सामाधि पर गए। सूचना मिली है कि आम जनता के अलावा अन्ना के मंच पर किसी भी राजनीतिक पार्टी के सदस्य को जगह नहीं दी है।

दिल्ली पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को यहां के रामलीला मैदान में शुक्रवार (23 मार्च) से विरोध प्रदर्शन की अनुमति दे दी है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमने सभी सुरक्षा पहलुओं की जांच करने और पर्याप्त व्यवस्था करने के बाद यह अनुमति दी है।”

क्या हैं सरकार से मांगे-
बता दें, समाजसेवा अन्ना हजारे कई महीनों से किसान आंदोलन को लेकर देशभर में भ्रमण कर रहे हैं। अपनी सभाओं से अन्ना किसानों के लिए न्यूनतम मूल्य, फिक्स आमदनी की वकालत करते आए हैं। इन्हीं मुद्दों को लेकर अन्ना हजारे केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। अन्ना ने उम्मीद जताई है कि उनके साथ हजारों की संख्या से देशभर में अलग-अलग राज्यों से आए किसान आंदोलन में शामिल होने पहुंचे हैं।

पीएम मोदी पर साधा था निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर जवाब नहीं मिलने पर किए गए सवाल पर हजारे ने कहा, “या तो उनको समय नही हैं क्योंकि उनके पास बहुत काम हैं और वह विदेशी दौरे में बहुत ज्यादा व्यस्त हैं या उन्हें अहंकार है।” हजारे ने कहा कि प्रदर्शन में कई महत्वपूर्ण मसलों में किसानों के मुद्दे भी होंगे। उन्होंने कृषि उत्पादों की कीमतें निर्धारित करने के लिए स्वायत्त आयोग की मांग की है।

गौरतलब है कि साल 2011 में भ्रष्टाचार की जांच के लिए लोकपाल के गठन की मांग को लेकर वह इसी मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे। इस बार संभावित तौर पर वह नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार पर निशाना साधेंगे. हजारे ने कहा कि उन्होंने रामलीला मैदान में प्रदर्शन करने की योजना बनाई है, जहां उन्होंने 2011 में भ्रष्टाचार के विरोध में भूख हड़ताल की थी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित विरोध-प्रदर्शन 2011 से भी बड़ा होगा। हजारे ने कहा कि प्रदर्शन में कई महत्वपूर्ण मसलों में किसानों के मुद्दे भी होंगे। उन्होंने कृषि उत्पादों की कीमतें निर्धारित करने के लिए स्वायत्त आयोग की मांग की है।

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