जयपुर: पिछले दिनों लाभार्थी संवाद के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जयपुर में जनसभा कर भाजपा के लिए चुनावी आगाज कर गए थे। अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह चुनावी फील्डिंग जमाने के लिए शनिवार को जयपुर आ रहे हैं। प्रदेश में हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड शाह के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
इसके लिए उन्हें एंटीइनकमबेंसी और जनता की विधायकों से नाराजगी से निपटना होगा। शाह के इस दौरे को लेकर नारायण सिंह तिराहे स्थित तोतूका भवन में 20 व 21 जुलाई को कार्यसमिति की बैठक रखी गई है। इसमें जिला, प्रदेश व राष्ट्रीय संगठन से कुल 474 पदाधिकारियों को बुलाया गया है।
इनमें प्रमुख रूप से राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश भाजपा के प्रभारी अविनाश राय खन्ना, राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव, सह-प्रभारी गोपाल शेट्टी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी, पीपी चौधरी, अर्जुन मेघवाल, विजय गोयल, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा मौजूद रहेंगे। शाह दोपहर एक बजे एयरपोर्ट उतरेंगे और यहां से सीधे तोतूका भवन पहुंचेंगे।
एयरपोर्ट से तोतूका भवन तक 7 जगहों पर शाह का स्वागत किया जाएगा। उनके स्वागत की तैयारियों को लेकर भाजपा नेताओं ने गुरुवार को एयरपोर्ट से तोतूका भवन तक रूट रिहर्सल किया गया।
नई कार्यकारिणी अटकी, जिला प्रभारियों में कई टिकट के दावेदार, हो सकता है फेरबदल
विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा की नई कार्यकारिणी की घोषणा अगले महीने तक के लिए टाल दी गई है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी का कहना है कि पार्टी फिलहाल शाह के दौरे की तैयारियों में जुटी है ऐसे में वह नई कार्यकारिणी की घोषणा में किसी तरह की जल्दबाजी नहीं करना चाहते। गौरतलब है, 21 जुलाई को अमित शाह जयपुर आ रहे हैं।
विधानसभा चुनावों को लेकर शाह प्रदेश में चुनावी तैयारियों का जायजा लेंगे। ऐसे में कार्यकारिणी में बदलाव से चुनावी कार्यक्रम प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा भाजपा में मंगलवार देर रात जारी हुई जिला प्रभारियों की सूची में भी बदलाव हो सकते हैं। सूची में ऐसे कई लोगों के नाम है जो आने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार हैं।
इनमें ज्यादातर पूर्व जिलाध्यक्ष हैं, एक-दो पूर्व विधायक भी हैं। सूची में शामिल पदाधिकारियों में से कुछ का कहना है कि वे अपने दावेदारी वाले विधानसभा क्षेत्र में ध्यान दें या प्रभार वाले जिलों के संगठन पर। कुछ ये भी तर्क दे रहे हैं कि जिला प्रभारी बनाने के कारण कहीं टिकट दावेदारी से नाम नहीं कट जाए।
ये रहेंगे कार्यक्रम
20 जुलाई : 2 बजे से 4:30 बजे तक प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक होगी। शाम 5 से 6:30 बजे तक उद्घाटन सत्र होगा। इसके बाद 7 बजे से 8:30 बजे तक सत्र का प्रस्ताव रखा जाएगा।
21 जुलाई : सुबह 9.45 से 11 बजे संगठन सत्र, 11.15 से 12.30 राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल के नेतृत्व में सामूहिक चर्चा सत्र, 1.15 से 2.30 बजे कार्यसमिति का समापन। 2.40 सांसदों और विधायकों की बैठक, सोशल मीडिया की कार्यशाला 3.45 से 5 बजे तक। निस्तारण और जिलाध्यक्षों की बैठक और 7 बजे कोर कमेटी की बैठक।
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