संवाददाता भीलवाड़ा। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी सेवाएं देने का जज्बा अगर देखना हैं तो वो 104 व 108 के चालको का देखो जो दिनरात इमरजेंसी आते ही अपनी सेवाएं देने के लिए हर समय तैयार रहते हैं । और अपनी जिम्मेदारी के प्रति तटस्थ रहकर निस्वार्थ भाव से काम करते हैं।
कोरोनाकाल के दौरान जब लॉकडाऊन जैसे हालात भी बीते वर्ष में आमजन को देखने को मिले थे जो शायद अब तक के इतिहास में पहली मर्तबा ऐसा मौका था । उसमें भी 104 व 108 एंबुलेंस चालक जब लॉकडाऊन में सुनी पड़ी सड़कों पर सरपट दौड़ पड़ते थे जहां एम्बुलेंस के अलावा सिर्फ और सिर्फ पुलिस की गाड़ी का सायरन ही बजता हुआ सुनाई पड़ता था या फिर एंबुलेंस का सायरन ही सुनाई देता था । कोरोना कॉल के उस शुरुआती दौर से अब तक भी यह एंबुलेंस कर्मी लगातार अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं ।
जिला प्रभारी अरुण वर्मा से हुई बात में उन्होंने बताया कि भीलवाड़ा जिले में कुल 25, 108 एंबुलेंस एवं 21, 104 एंबुलेंस वर्तमान में कार्यरत हैं । जो कि 24 घंटे दिनरात अपनी सेवाएं निरंतर दे रही हैं । फिर चाहे वह वैश्विक महामारी कोरोना से जुड़े मरीज हो या फिर अन्य इमरजेंसी के। इन दोनों गाड़ियों के चालक किसी भी प्रकार की इमरजेंसी होने पर तुरंत सेवा प्रदान करने को लेकर हर समय तैयार खड़े रहते हैं ।
जिला प्रभारी अरुण वर्मा ने बताया कि जयपुर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार मार्च 2020 से दिसंबर 2020 तक 10 माह में भीलवाड़ा जिले में कार्यरत 104 व 108 एंबुलेंस से करीब 440 कोरोना वायरस से ग्रसित पॉजिटिव व संदिग्ध रोगी एवं 36543 अन्य प्रकार की इमरजेंसी के जिसमें एक्सीडेंट, प्रेगनेंसी व अन्य प्रकार के रोगियों को चिकित्सालय तक पहूँचाने को लेकर इन एंबुलेंस के चालको ने जिम्मेदारी पूर्वक अपनी बखूबी सेवाएं दी जिनके जज्बे को जितना सराहा जाए उतना ही कम होगा ।
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