हनुमानगढ़। ग्राम पंचायत बहलोलनगर में चिह्नित किए बगैर अनुमति से अधिक हरे पेड़ों को काटने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने बुधवार को मौके पर विरोध दर्ज करवाते हुए पेड़ काटने का कार्य रूकवाने का प्रयास किया। लेकिन मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस जाप्ते के कारण वे इसमें सफल नहीं हुए। पुलिस कर्मियों ने विरोध कर रहे ग्रामीणों को वहां से खदेड़ दिया। विरोध कर रहे ग्रामीणों ने सरपंच पर मनमानी करते हुए अनुमति से अधिक पेड़ काटने का आरोप लगाया। ग्रामीण पूर्णसिंह व कपिल ने बताया कि ग्राम पंचायत बहलोलनगर में रास्ता बनाने के लिए कुछ दिन पहले 44 पेड़ों को काटने के लिए बोली हुई थी। 4 लाख 72 हजार रुपए की बोली दी गई। ठेकेदार पेड़ काटने के लिए आया तो ग्रामीणों ने कहा कि उसके पास जितने पेड़ों को काटने की अनुमति है, उन्हें चिह्नित कर दिया जाए लेकिन ठेकेदार ने कहा कि उसके पास सभी पेड़ काटने की अनुमति है। ठेकेदार की ओर से पेड़ों को चिह्नित न करने से दो दिन तक ग्रामीणों ने ठेकेदार को पेड़ नहीं उखाडऩे दिए।
बुधवार को प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस जाप्ते की मौजूदगी में ग्राम पंचायत सरपंच की ओर से जबरन अनुमति से ज्यादा पेड़ कटवा दिए गए। ग्रामीणों के अनुसार उन्होंने मंगलवार को इसकी शिकायत जिला कलक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर की थी। विधायक से भी बात कही गई। बुधवार को मौके पर मौजूद नायब तहसीलदार व डबलीराठान पुलिस चौकी प्रभारी से कार्रवाई करने की गुहार लगाई लेकिन सुनवाई नहीं हुई। पुलिस कर्मियों ने धक्के मारकर उन्हें वहां से हटा दिया। चार जेसीबी की मदद से करीब 90 पेड़ काट दिए गए। उन्होंने बताया कि गांव के पशुपालक अपने पशुओं को गर्मी के दिनों में इन्हीं पेड़ों के नीचे छाया में बांधते थे। लेकिन सरपंच की ओर से मनमानी कर पेड़ कटवाए जा रहे हैं। उधर, एसडीएम डॉ. अवि गर्ग ने बताया कि गांव बहलोलनगर में जोहड़ पायतन व फिरनी के आसपास नीम, कीकर, सफेद बबूल आदि के पेड़ों को काटने की अनुमति प्रशासन की ओर से दी गई थी। अनुमति के तहत ही गांव में पेड़ काटे जा रहे हैं। कुछ ग्रामीण 13 पेड़ काटने की अनुमति होने की बात कह रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। कुल 44 पेड़ काटने की अनुमति दी गई है। कीकर व झाड़-झंखाड़ काटने के लिए अनुमति की आवश्यकता भी नहीं होती। अनुमति से अधिक पेड़ काटने की शिकायत की जांच के लिए नायब तहसीलदार को मौके पर भेजा जाएगा।
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