33 केवी के अंडरग्राउंड कार्य में सुरक्षा की दृष्टि से लापरवाही बरतने का आरोप

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यूथ इंटक अध्यक्ष ने विभागीय अधिकारियों से की काम बंद करवाने की मांग
हनुमानगढ़।विधुत विभाग द्वारा सतीपुरा स्थित 132 जीएसएस से  न्यू हाउसिंग बोर्ड तक बिछाई गई सेपरेट लाइन से बगैर परमिशन वर्क ऑर्डर के किया जा रहा था कार्य इसके साथ 33 केवी अंडर लाइन केबल के सुरक्षा मापदंड का नही किया जा रहा था पालन इसके साथ लाइन कार्य में ठेकेदार फर्म के कार्मिकों द्वारा लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कर्मचारी यूनियन यूथ इंटक के जिला अध्यक्ष किशन सिंह राजावत ने नियमानुसार काम न होने तक उक्त कार्य को बंद करने की मांग की है।किशन सिंह राजावत ने बताया कि ठेकेदार द्वारा 33 केवी की लाइन को अंडरग्राउंड डालने का काम किया जा रहा है और उक्त कार्य का  इनके पास उक्त न तो वर्क  ऑर्डर है और न ही परमिशन।नियमानुसार सुरक्षा की दृष्टि से सहायक या कनिष्ठ अभियंता की देखरेख में पक्की नाली का निर्माण करवाते हुए तार डालने के पश्चात उसे पक्की ईंटो से कवर किया जाना चाहिए जबकि कार्मिकों द्वारा खड्डा खोद सीधे ही 33 केवी की लाइन डाल ऊपर मिट्टी डाली जा रही है ओर मोके पर विधुत विभाग का कोई अधिकारी मौजूद नही है।यदि भविष्य में लाइन में कोई फाल्ट आता है तो सही करते समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है। किशन सिंह ने बताया कि जब ठेकेदार के कार्मिकों को नियमानुसार सही तरीके से काम करने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि हम तो ऐसे ही काम करेंगे ओर  विभागीय अधिकारियों को सूचित करने पर बिना मोका  स्थल पर आए काम को सही ढंग से होना बताया।किशन सिंह राजावत ने कहा कि उक्त कार्य से तकनीकी कर्मचारियों की सुरक्षा को खतरा होने के साथ साथ विभागीय राजस्व को भी नुकसान हो रहा है। मौका स्थल पर कुछ समय बाद कनिष्ठ अभियंता मीनू शर्मा आई और कार्य को सही तरीके से होना बताया। राजावत ने उक्त कार्य मे ठेकेदार व विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से  भर्ष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए कहा कि लाइन डालने के बारे में सबसे पूर्व सूचना सम्बंधित क्षेत्र के लाइनमेन को दी जानी चाहिए परन्तु नही दी गई जिससे  सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कार्य की गुणवत्ता का कितना ध्यान रखा जा रहा है।राजावत ने बताया कि नियमानुसार काम नही करवाये जाने के कारण  आये दिन विधुत तकनीकी कर्मचारियों के साथ  फाल्ट सही समय करते हादसे हो रहे है।उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार द्वारा  कर्मचारियों की जान जोखिम में डालने के लिए जिस तरह से उक्त कार्य किया जा रहा यदि भविष्य में इसके कारण क कोई हादसा होता है उसकी समस्त जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों की होगी।

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