यशवंत सिन्हा के विरोध में बेटे ने आर्टिकल लिखकर पिता को ठहराया गलत

अटल बिहारी वाजपेयी ने 1998 में जसवंत सिंह और प्रमोद महाजन को मंत्री बनाने से इनकार कर दिया था, जबकि वे दोनों उनके बेहद करीबी थे।

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नई दिल्ली: बीजेपी के पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा के 27 सितंबर को छपे एक लेख ने सियासी महकमे में हलचल मच दी। विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का सटीक मुद्दा मिल गया है।  अब खबर आई कि मोदी सरकार में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने एक अखबार में लेख लिखकर अपने पिता यशवंत सिन्हा द्वारा देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति की आलोचन का जवाब दिया है। जयंत ने लिखा- मोदी सरकार द्वारा किए गए ढांचागत बदलाव “न्यू इंडिया” के निर्माण के साथ एक अरब लोगों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए जरूरी हैं। जयंत सिन्हा ने कहा है कि मोदी सरकार द्वारा साल 2014 से लागू किया गये सुधार देश में तीसरी पीढ़ी के आर्थिक सुधार हैं। जयंत सिन्हा ने लिखा है कि पहली पीढ़ी का आर्थिक सुधार 1991 में हुए, दूसरी पीढ़ी के सुधार भाजपानीत गठबंधन एनडीए की सरकार में 1999-2004 तक हुए थे।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने उन्होंने अपने लेख में लिखा ““मैं अपने राष्‍ट्रीय कर्त्‍तव्‍य के पालन करने में असफल होऊंगा अगर मैंने अब वित्‍त मंत्री द्वारा अर्थव्यवस्‍था की दुर्गति के बारे में नहीं बोला। मैं निश्चिंत हूं कि मैं जो भी कहने जा रहा हूं वह बड़ी संख्‍या में भाजपा के लोगों की भावनाएं हैं, जो डर की वजह से बोल नहीं रहे। मोदी जी कहते हैं मैंने गरीबी नजदीक से देखी है और अब वो सवा सौ करोड़ लोगों को नजदीक से गरीबी का आंनद दिलवा रहे हैं। पिता यशवंत के इस लेख के बाद उनके बेटे जयंत ने जवाबी लेख लिखा जिसमें उन्होंने कहा, भारतीय अर्थव्यस्था के बदलते चेहरे पर हाल में कई लेख प्रकाशित हुए हैं। दुर्भाग्यवश, ये लेख सीमित तथ्यों के आलोक में अतिसरलीकरण करते हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था में मूलभूत बदलावों पर इनकी नजर नहीं जाती है। इतना ही नहीं एक या दो तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर और दूसरे आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल्याकंन के लिए काफी नहीं हैं। इनसे ढांचागत बदलावों के दीर्घकालीन प्रभावों का पता नहीं चलता।” जयंत सिन्हा ने अपने लेख में यशवंत सिन्हा का नाम नहीं लिया है लेकिन नेशनल हेरल्ड ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि जयंत को उनके पिता के लेख का जवाब देने के लिए बीजेपी और मोदी सरकार के शीर्ष लोगों ने कहा।

फिलहाल अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि ये लेख वाकिय राजनीतिक दवाब में लिखाया गया है या जयंत ने लिखा है। वैसे राजनीति का खेल ही शह और मात का है। आपको बता दें यशवंत ने अपने लेख में अरूण जेटली पर काफी हमले बोले जिसमें उन्होंने अटल बिहारी का हवाला देते हुए भी कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने 1998 में जसवंत सिंह और प्रमोद महाजन को मंत्री बनाने से इनकार कर दिया था, जबकि वे दोनों उनके बेहद करीबी थे। यशवंत ने ये बात अरूण जेटली के अमृतसर की लोकसभा सीट हारने के तर्ज पर दिया । उन्होंने कहा जो व्यक्ति चुनाव नहीं जीत सका उसके पास मंत्रालय के मुख्य विभागों का काम, मोदी सरकार ने साल 2014 के चुनावों से पहले ही सब तय किया हुआ था।

जहां एक तरफ अर्थव्यव्यस्था के मामले में विपक्ष मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में वहीं बीजेपी के अंदर से हमले होने चालू हो गए। अब यशवंत का बचाव करने बीजेपी नेता शत्रुध्न सिन्हा उतर गए। सिन्हा ने अपने ट्वीट में लिखा कि यशवंत सिन्हा एक सच्चे नेता, जांचे-परखे बुद्धिमान शख़्स हैं, जिन्होंने ख़ुद को सबसे बेहतरीन और सफलतम वित्त मंत्री के तौर पर साबित किया है। उन्होंने भारत की आर्थिक स्थिति का आइना दिखाया है और बिल्कुल सही बात कही है। मिस्टर सिन्हा हमेशा सोच समझ कर बोलते हैं और उनकी बातों को गंभीरता से लेना चाहिए।

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