नयी स्फुर्ति, जोश के साथ देश व दुनियां के रोगियों को मिलेगा लाभ
संवाददाता भीलवाड़ा। भीलवाड़ा जिले के मोतीबोर का खेड़ा स्थित श्रीनवग्रह आश्रम में संचालित श्रीनवग्रह आश्रम आयुर्वेद एवं परम्परागत चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान केंद्र में एक बार फिर से रोगियों की चहलकदमी व्यवस्थित तरीके से होगी। पक्षियों का कलरव गुंजेगा। दर्द से कराहते हुए आने वाले रोगियों को राहत का अहसास होगा। उनके मन की शंकाओं का समाधान करने के लिए पहले की तरह से रोगियों व उनके परिजनों की क्लास लगेगी जिसमें उनकी हर शंका का समाधान किया जायेगा। अब चिकित्सकों का एक नया पैनल भी उनकी सेवा में तैयार रहेगा। यह सारी व्यवस्थाएं 16 फरवरी बसंत पंचमी से प्रांरभ होगी। यानि पहले की तरह से आश्रम में अब कोरोना काल के बाद व्यवस्थित क्लासें शुक्रवार, शनिवार व रविवार को ही लगेगी।
श्रीनवग्रह आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष हंसराज चोधरी ने बताया कि गत वर्ष मार्च में कोरोना संक्रमण आने के बाद से कोरोना गाइड लाइन के अनुसार आश्रम में रोगियों की भीड़ को रोकने के लिए क्लासें बंद कर दी गयी थी। एक भी रोगी या उसके परिजन का आश्रम में प्रवेश वर्जित कर दिया गया था। संपूर्ण आश्रम परिसर को गाइड लाइन के मुताबिक सेनेटाइजेशन करने के उपरांत ही वहां पहुंचने वालों को त्वरित गति से चिकित्सकीय परामर्श व दवा दी गयी तथा शेष गाइडेंस डिजिटल माध्यमों से किया गया। वर्ष भर के कोरोना काल के बाद अब कोरोना गाइड लाइन के आधार पर ही क्लासों का संचालन प्रांरभ किया जा रहा है। पहली क्लास 19 फरवरी 21 से प्रांरभ होगी। उसके बाद प्रति सप्ताह तीन दिन ही क्लासें चलेगी जिसमें रोगी या परिजन लाभ ले सकेगें। गंभीर रोगियों को अभी आश्रम में न लाने की हिदायत भी जारी की गई है। प्रतिदिन आश्रम के यूट्यूब चेनल के माध्यम से रोगी व परिजनों के लिए आवश्यक जानकारी का प्रसारण भी किया जा रहा है।
श्रीनवग्रह आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष हंसराज चोधरी ने बताया कि आश्रम के स्वयंसेवक, चिकित्सक तथा सेवा कार्य में लगे कार्यकर्ता अब पुरे जोश के साथ एक बार आश्रम में पहुंचने वाले रोगी व परिजनों की सेवा के लिए तत्पर है। पहले की तरह ही मदीना रंगरेज की वैश्विक प्रार्थना के बोल गुंजेगें। क्लास में दवा के साथ औषधीय पौधों व उनकी पत्तियों का डेमोस्ट्रेशन करने के लिए दक्ष प्रशिक्षक सुरेंद्र सिंह, महिपाल चोधरी, प्रवेश आचार्य के साथ स्वयं हंसराज चोधरी की सेवाएं उपलब्ध रहेगी। रोगी व परिजनों के लिए मनोरंजन के लिए कवियों व लोक कलाकारों के कार्यक्रमों की पुनः गुंज सुनायी देगी। रोगियों के पंजीयन की कम्यूटराईज्ड व्यवस्था अमल में लायी गयी है बिना पंजीयन के रोगी को दवा नहीं दी जा सकेगी।
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