पंजाब: नोट बंदी के फैसले के बाद कालेधन को जन धन खातों के तहत सफेद किया जा रहा है लेकिन इसी बीच अब खबर आई है कि मनरेगा के खातों पर भी कालाधन रखने वालों की नजर पड़ गई। दरअसल, पंजाब के संगरूर जिले के एक गांव में मजदूरों के खातों में 10 से लेकर 24 हजार रुपये जमा हुए और उसी दिन निकाल भी लिए गए। मजदूरों से यह लालच देकर वाउचर पर अंगूठा लगवाया गया कि मोदी सरकार की स्कीम के तहत गरीबों के खातों में रुपये आने वाले हैं। बैंक अब जांच की बात कह रहा है।
धुरी के राजो माजरा गांव के 250 मनरेगा मजदूरों से धोखे से बैंक वाउचर पर अंगूठे का निशान और दस्तखत लिए गए। खातों में सरकार की तरफ से मोटी रकम का लालच दिया गया। जब खाता अपडेट करवाया तो पता चला कि रकम आई भी और निकाल भी ली गई। 19 नवम्बर से पहली दिसम्बर के बीच किसी के खाते में 24 हजार रुपये जमा हुए और उसी दिन निकाल भी लिए गए। कुछ खातों में 10 -10 हजार रुपये आए लेकिन खाताधारक को एक धेला भी नहीं मिला।
दिहाड़ी मजदूर राम चंदर कहता है कि उन्हें बताया गया था कि मोदी सरकार हमारे खातों में पैसे डालेगी। वाउचर हिंदी और अंग्रेजी में था और मुझे सिर्फ पंजाबी आती है इसलिए साइन कर दिए, बाद में पता चला। भूपिंदर कौर का पति सब्जी की रेहड़ी लगाता है। नोट बंदी के बाद कमाई पर मार पड़ी है। सरकार से रकम के लालच में वह भी फंस गई। वह कहती है कि हमें लगा सरकार मदद करना चाहती है लेकिन यहां तो हमारे साथ धोखा हुआ।
गोलमाल की खबर फैली तो किसान यूनियन ने बैंक के बाहर प्रदर्शन किया। पकड़े जाने के डर से बैंक वालों ने कुछ रकम देकर लोगों का मुंह बंद करने की कोशिश भी की। किसान यूनियन के किरपाल सिंह बताते हैं कि लोगों को पांच-पांच हजार रुपये लेकर मामला रफा दफा करने की कोशिश हो रही है। ‘हमें आशंका है कि ऐसा बाकी गांवों में भी हुआ होगा..सरकार को जांच करनी चाहिए।’धुरी में बैंक के बाहर कैश की किल्लत झेल रहे लोगों की भीड़ उमड़ी है। बैंक का पक्ष जानने के किए हमें भी काफी धक्कामुक्की करनी पड़ी..अंदर भी उतनी ही भीड़ मौजूद थी। इस गोलमाल पर बैंक मैनेजर ने सफाई दी। राजेश सभरवाल, ब्रांच मैनेजर, भारतीय स्टेट बैंक, धुरी कहते हैं कि जांच शुरू कर दी गई है कि यह रकम कैसे ट्रांसफर हुई, धमकी देने वाले बैंक कर्मियों की पहचान बताएं तो कार्रवाई होगी।