आचार्य श्रीजयमल का 314 वा जन्मोसव समारोह आज

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संवाददाता भीलवाड़ा। भीष्म प्रतिज्ञाधारी आचार्य श्री जयमल म.सा. का 314 वा जन्मोसव समारोह प्रातः तपाचार्य साध्वी जयमाला के सानिध्य में तप त्याग के साथ श्रीमाल वाटिका में मनाया जायेगा। आचार्य डॉ शिवमुनि का 80 वा जन्मदिवस आज महावीर भवन में नवकार महामन्त्र का सामूहिक जाप व सामायिक के साथ मनाया गया। धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए साध्वी डॉ चंद्रप्रभा ने कहा कि नवकार महामन्त्र में अपार शक्ति निहित है। इसका जाप करने से आदि, व्याधि, उपादि समाप्त हो जाती है। नवकार महामन्त्र के जपने से व्यक्ति कभी नरक गति में नही जाता है। आचार्य डॉ शिवमुनि आत्मज्ञानी, ध्यानयोगी एवं तपस्वी आचार्य है। हम सभी साध्वी मंडल आचार्य के दीर्घायु होने की मंगल कामना करते है।स्थानीय संघ के संरक्षक शांति लाल बनवट ने आचार्य डॉ शिवमुनि के बारे में बताया कि आप श्रमण संघ के चतुर्थ पट्टधर है, आपको कई सरकारों ने, कई आचार्यो ने, संगठनों ने विभिन्न पदों से नवाजा है । आपके सानिध्य में 1250 संत एवं साध्वी है जो इस वर्ष 355 चातुर्मास विभिन्न राज्यो में कर रहे है। आप 22 वर्षो से श्रमण संघ का नेतृत्व कर रहे है, कई वर्षों से वर्षीतप की आराधना कर रहे है। सम्पूर्ण जीवन आध्यात्म से परिपूर्ण है, सरलता और सहिष्णुता ही आपके जीवन का कवच है। आप अपना अधिकतम समय ध्यान योग में ही लगाते है। साध्वी आनन्दप्रभा ने भी आचार्य डॉ शिवमुनि के जीवन पर प्रकाश डाला। आचार्य जयमल के 314 वे जन्मोत्सव पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्हें एक प्रवचन सुनने से वैराग्य उत्पन्न हुआ, 16 वर्ष एकांतर, 16 वर्ष बेले -बेले के तप, 40 मासखमण, 50 वर्ष तक आडा आसन्न नही करना, 700 भव्यात्माओ को दीक्षा, बड़ी साधु वंदना की रचना जैसे अनेक कार्य किये है जिन्हें जैन समाज युगो युगो तक याद रखेगा। नवकार महामन्त्र के सामूहिक जाप के पश्चात निकाले गए लक्की ड्रा की भाग्यशाली विजेता श्रीमती मोनिका भंडारी बिजयनगर को सौम्या संचेती द्वारा सम्मानित किया गया।

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