हनुमानगढ़। गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य पर सच्ची श्रद्धा और उनके जीवन के दर्शन के लिए गुरूद्वारा श्री गुरू कलगीधर द्वारा रविवार को विशाल नगरकीर्तन गुरूद्वारा साहिब से निकाला गया। इस नगर कीर्तन की अगवानी पांच प्यारों ने की और गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी साहब को फुलों सजाया गया था। नगरकीर्तन को गुरूद्वारा साहिब में गुरूद्वारा मुख्य सेवादारा मक्खन सिंह, जसपाल सिंह, सोहन सिंह, मनप्रीत सिंह, जसपाल सिंह, सुखविंद्र सिंह बाबा, कुलवंत सिंह, करनैल सिंह ने क्षेत्र की सुख स्मृद्धि व खुशहाली की अरदास के साथ रवाना किया। लोगों ने झूमते गाते हुए नगर कीर्तन में शिरकत कि इस दौरान संगतो द्वारा शब्द गायन व सिख इतिहास का गायन किया। नगरकीर्तन का सुरेशिया 100 फुट रोड़ पार्षद प्रतिनिधि निरंजन नायक, जगसीर सिंह काला व समूह साध संगत द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।
नगरकीर्तन में रागी ढाड़ी जत्थों ने अपने व्याख्यान में कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने सिखों को आदेश दिया कि सिख गुरु ग्रंथ साहब को ही गुरु मानओ ग्रंथ की परंपरा का पालन करें। इसके लिए साल 1699 में उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी, सिखों के लिए ये सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। उन्होंने कहा कि 10वें गुरु गोबिंद सिंह एक बहादुर योद्धा और आध्यात्मिक महापुरुष थे, गुरु गोबिंद जी सत्य के पुजारी थे। उन्होने सत्य, प्रेम आपस में एकता और परमपिता परमेर्श्वर की भक्ति का लोगों को संदेश दिया। मुख्य सेवादार मक्खन सिंह ने बताया कि गुरू गोबिन्द सिंह के प्रकाश पर्व को सर्मपित 15 जनवरी को श्रीअखण्ड पाठ के प्रकाश होगे व 17 जनवरी को अखण्ड पाठों के भोग डाले जायेगे, जिसके पश्चात विशाल समागम का आयोजन होगा जिसमें रागी जत्था भाई विशाल सिंह, भाई विरेन्द्र सिंह, भाई संतोख सिंह, ढाडी जत्था भाई फुमण सिंह वरण सिरसा वाले गुरवाणी से संगतों को निहाल करेगे।
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