राजस्थान के कोटा के सबसे बड़े मातृ एवं शिशु जेके लोन अस्पताल में पिछले 2 दिन में 10 बच्चों की मौत हो गई। यह सभी बच्चे एनआईसीयू में भर्ती थे। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन की तरफ से पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
इस मामले पर कोटा से सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि कोटा के एक मातृ एवं शिशु अस्पताल में 48 घंटे में 10 नवजात शिशुओं की असामयिक मौत का मामला चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक ने कहा, ‘हमने जब जेके लोन अस्पताल में हालात का जायजा लिया तो पाया कि ओपीडी में केवल एक डॉक्टर बच्चों को देख रहे थे और बच्चों को लेकर परिजनों की लंबी कतार लगी हुई थी। हमने जब बच्चों के परिजनों से बात की तो उन्होंने बताया कि हमें यहां पर लाइन में लगे बहुत समय हो गया है। हमारा नंबर बहुत देर में आ रहा है. ऐसे में हमें बच्चों को लेकर लाइन में खड़े रहने में बहुत दिक्कतें हो रही हैं।’
अधीक्षक जब अस्पताल के एनआईसीयू में गए तो वहां पर एक जगह छत से गंदा पानी टपक रहा था। ऐसी लापरवाही भी जरूर कुछ बच्चों में संक्रमण फैला सकती है। आपको बता दें, यह अस्पताल बच्चों की मौत के लिए हमेशा से सुर्खियों में रहा है। साल 2014 में यहां पर 1198 बच्चों ने दम तोड़ा, 2015 में 1260 की मौत हुई, 2016 में 1193 बच्चों ने आखिरी सांस ली, 2017 में 1027, 2018 में 1005 और 2019 में अब तक 940 बच्चे की मृत्यु हुई।