गुरू जम्भेश्वर भगवान को 573 वां जन्मोत्सव मनाया

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हनुमानगढ़। टाउन स्थित बिश्नोई धर्मशाला में गुरू जम्भेष्वर प्राणी हितकारी समिति के तत्वाधान में गुरू जम्भेश्वर भगवान का 573 वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जिसके तहत गुरूवार रात्रि को विशाल जागरण हुआ। जिसके मुख्य अतिथि नगर परिषद सभापति गणेशराज बसंल व विशिष्ठ अतिथि भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई बलवीर बिश्नोई, शिक्षाविद् बीएल सहु थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जम्भेश्वर प्राणी हितकारी समिति के अध्यक्ष इन्द्रजीत धारणिया ने की। अतिथियों द्वारा जांभोजी महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। वक्ताओं ने कहा कि गुरु जंभेश्वर ने 29 नियमों में पूरे जीवन का सार समझाया है।

नियमों का पालन करने वाले व्यक्ति हमेशा आगे बढते है। इस दौरान पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिकाधिक पौधे लगाने की अपील की। इस मौके पर जम्भेश्वर प्राणी हितकारी  समिति द्वारा अतिथियों का शॉल उढाकर व साफा पहनाकर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर डॉ. बीएल सहू ने संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साल  जम्भाणी अकादमी साहित्य की प्रतियोगिता की परीक्षा करवाई थी, जिसमें राष्ट्रीय स्तर,राज्य स्तर व जिला स्तर वर दो ग्रुप बनाये गये थे, एक ग्रुप में कक्षा 5 से 8 तक व दुसरा सीनीया ग्रुप कक्षा  से 12 तक के विद्यार्थीयो ने भाग लिया। समिति द्वारा दोनो ग्रुप में तीन तीन विद्यार्थीयो का चयन कर सम्मानित किया गया ।

जिला स्तर पर प्रथम रहे विजेता को 2100 रूपये नगर व स्मृति चिन्ह,द्वितिय स्तर पर 1100 रूपये नगर व स्मृति चिन्ह व तृतीय स्तर पर 500 रूपये नगर व स्मृति चिन्ह देकर अतिथियो द्वारा सम्मानित किया । इस प्रतियोगिता में जम्भोजी के इतिहास पर आधारित परी़़क्षा हुई ताकि युवा पीढ़ी जागरूक हो सके। इस मौके पर उपाध्यक्ष सुभाष बेनीवाल, सचिव रामकुमार कड़वासरा, कोषाध्यक्ष केशव पूनिया, विनोद पूनियां, हनुमान सिंह गोदारा, बनवारी लाल, लखपत खिचड़, हनुमान सिंवर, रमेश धारणिया, बनवारी खिचड़, हनुमान डूडी, रामस्वरूप धारणिया, सत्यानारायण, बुधराम सहारण आदि ने अतिथियों का स्वागत व अभिनंदन किया। जागरण में ओमप्रकाश बावरा फलौदी द्वारा जम्भोजी महाराज के भजनों का गुणगान किया गया। इस मौके पर सामुहिक भण्डारा आयोजित हुआ जिसमें सैकड़ों लोगों  भण्डारा ग्रहण किया। मंच सचालन हनुमान भाम्भू ने किया। अंत में अध्यक्ष इन्द्रजीत धारणिया ने कहा कि बिश्नोई समाज सदैव पर्यावरण की दृष्टि से जाना जाता है, जिसका अनुभव पूरे विश्व ने कोरोनाकाल में ऑक्सीजन की भारी कमी में किया। इस लिये सभी समाज के लोग अधिक से अधिक पौधारोपण कर अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करे।

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