ये हैं रूपया गिरने के तीन मुख्य कारण

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नई दिल्ली: ट्रेड वार की आशंका, विदेशी निवेशकों के निकलने और निर्यातकों में डॉलर की मांग के चलते भारतीय करेंसी का गिरना जारी है। सोमवार को डॉलर की तुलना में रुपया 72 पैसे कमजोर होकर रिकॉर्ड 72.45 पर बंद हुआ। यह 13 अगस्त के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। उस दिन रुपया 110 पैसे गिरा था। सोमवार को कारोबार के दौरान यह 1.3% यानी 94 पैसे गिरकर 72.67 तक पहुंच गया था।

तब रिजर्व बैंक ने मुद्रा बाजार में डॉलर बेचे, जिससे स्थिति थोड़ी सुधरी। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने रिजर्व बैंक से कहा है कि वह रुपए को और गिरने से बचाने के उपाय करे। एशियाई देशों की करेंसी में रुपया ही इस साल सबसे ज्यादा कमजोर हुआ है। इसमें करीब 13% गिरावट आ चुकी है। मूडीज ने रुपए में कमजोरी को भारत की रेटिंग के लिए निगेटिव बताया है।

दिल्ली में 80.73 रु. का हुआ पेट्रोल 
पेट्रोल 23 पैसे और डीजल 22 पैसे महंगे हुए। पेट्रोल की कीमत 80.73 रुपए और डीजल की 72.83 रुपए के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इस बीच वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने इन पर एक्साइज ड्यूटी घटाने से फिर इनकार किया है। उन्होंने कहा कि इससे सरकार का घाटा बढ़ जाएगा।

कच्चे तेल का आयात बिल 87% बढ़ा 
जुलाई में कच्चे तेल का आयात बिल 87% बढ़ गया है। जुलाई 2017 में 37,277 करोड़ रु. का क्रूड आयात हुआ था। जुलाई 2018 में यह 69,912 करोड़ हो गया। हाल के दिनों में कच्चे तेल के दाम लगातार 75 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चल रहे हैं।

शेयर बाजार भी तीन हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंचे
रुपए में कमजोरी के चलते शेयर बाजार भी तीन हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंच गए। सोमवार को बीएसई का सेंसेक्स 467.65 अंक यानी 1.22% गिरकर 37,922.17 पर आ गया। यह 6 महीने की सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले सेंसेक्स 16 मार्च को 509.54 अंक नीचे आया था। निफ्टी-50 भी 151 अंक गिरकर 11,438.10 पर आ गया।

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