संवाददाता शाहपुरा। भीलवाड़ा अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के चमत्कारी ब्रह्मलीन संत एवं प्रथम आचार्य श्री रामचरण जी महाराज ने वैशाख कृष्ण पक्ष पंचमी के दिन अपना पवन शरीर का त्याग किया और उसी जगह पर अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के रामनिवास धाम की स्थापना की गई एवं समाधि स्थल को स्तंभ जी के नाम से जाना जाता श्री रामस्नेही संप्रदाय के जन्मदाता,ज्ञान भक्ति वैराग्य की गंगा बहाने वाले, असंख्य भक्तो का उध्दार करने वाले, अनेको अविश्वनीय चमत्कारो से जन जन को कृतार्थ करते हुए निर्गुण “राम” की उपासना का सीधा, सरल सुगम मार्ग बताने वाले महाप्रभु स्वामी जी श्री 1008 श्री रामचरण जी महाराज का 224 वा निर्वाण दिवस आज शाहपुरा रामनिवास धाम मै मनाया गया जिसमे सुबह 8 बजे से संतो राम जी के सानिध्य में शाहपुरा के रामस्नेही सूर्य प्रकाश बिरला,कैलाश तोषनीवाल, महावीर जागेटिया, रामसहाय बिरला ,नारायण सिंह , राकेश सोमानी, अक्षय बिरला, नवीन सोमानी व पार्षद राजेश सोलंकी नै गरीब बस्तीयो मै जरूरतमंद परिवारों को 200 भोजन के किट, 10 परिवारो को खाद्य सामाग्री, गोशाला मै गायो को गुङ ,सेटेलाइट हॉस्पिटल मे मरिजो को फल वितरण किया गया गौरतलब है कि विक्रम संवत माघ शुक्ल चतुर्दशी 1776 विक्रम संवत 24 फरवरी 1720 को ब्रह्मलीन प्रथम आचार्य श्रीरामचरण जी महाराज का जन्म हुआ था एवं वैशाख कृष्ण पंचमी विक्रम संवत 1855मे 5 अप्रैल 1798 को अपना पावन शरीर त्याग दिया।
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