निर्भया केस को 4 साल पूरे, आज भी दिल्ली में हुआ 20 साल की लड़की से रेप

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दिल्ली: 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में एक नाबालिग समेत पांच ने एक मेडिकल स्टूडेंट के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। हम बात कर रहे हैं निर्भया गैंगरेप की जिसकी आज चौथी बरसी है और आज ही दिल्ली से रेप की खबर आई है। सरकार कड़े कानून और सुरक्षा देने का दावा कर रही है, लेकिन इतने साल बाद भी कुछ बदलता नहीं दिख रहा है।

दिल्ली के मोतीबाग इलाके में 20 साल की लड़की के साथ कार में रेप का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है। नोएडा में रहने वाली लड़की काम की तलाश में दिल्ली आई थी। रात 9 बजे जब वह एम्स के पास बस का इंतज़ार कर रही थी तभी एक कार में एक व्यक्ति आया जिसने उसे घर छोड़ने की बात कही।

थोड़ी ही देर बाद ड्राइवर ने डरा-धमका कर उसके साथ बलात्कार किया। किसी तरह लड़की कार से उतर कर भाग निकली और पुलिस को दी जानकारी दी। मेडिकल में रेप की पुष्टि हो गई। पुलिस जब पीड़ित के साथ वहां पहुंची तो आरोपी अमन कुमार वहां गाड़ी छोड़कर भाग गया था। इसके बाद आरोपी को उसके दोस्त के घर से दबोच लिया गया है।  रेप में इस्तेमाल कार CISF के कॉन्स्टेबल की बताई जा रही है जो कृषि भवन में तैनात है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, निर्भया केस सुप्रीम कोर्ट में है और अगली पेशी 2 जनवरी को है। आज निर्भया कांड को पूरे चार साल हो गए है लेकिन क्या महिलाओं के प्रति होने वाले क्राइम में कमी आई है। ये हैं वो चौंकाने वाले आंकड़ें जो बताते है कि साल 2011 से  2015 के बीच क्राइम कम नहीं बल्कि बढ़ा है।

  • नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक साल 2015 में भी देश की राजधानी दिल्ली में रोज 6 बलात्कार और 15 मोलेस्टेशन के केस दर्ज होते रहे।
  •  NCRB के मुताबिक भारत में हर साल हुए इतने रेप-
-2011- 24,206
-2012- 24,923
-2013- 33,707
-2014- 37,000
-2015- 34,651
  • 2011 की जनसंख्या की गिनती के मुताबिक भारत में 1000 पुरुषों पर सिर्फ 943 स्त्रियां हैं। जबकि चाइल्ड सेक्स रेशियो में ये आंकड़ा गिरकर सिर्फ 914 लड़कियां ही रह जाता है।
  • गर्ल चाइल्ड सेक्स रेशियो के मामले में हरियाणा से भी बुरी हालत राजधानी दिल्ली की है। हरियाणा में जहां 1000 पुरुषों के मुकाबले 879 स्त्रियां हैं जबकि दिल्ली में आंकड़ा सिर्फ 868 ही है।
  • निर्भया गैंगरेप की घटना के बाद से केंद्र और राज्य सरकारों ने कई बड़े ऐलान किए, इन्हीं में से एक था निर्भया फंड। ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक साल 2013 से शुरू किए इस फंड को अभी तक हर साल 1 हज़ार करोड़ रुपए दिए गए। पिछले 3 सालों में इस फंड में सरकार ने 3 हज़ार करोड़ रुपए अलॉट किए जिनमें से सिर्फ 600 करोड़ 20 प्रतिशत ही खर्च किए जा सके हैं।
  • साल 2014 के मुकाबले 2015 में रेप के मामलों में 5.7 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। हालांकि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
  • सबसे चौंकाने वाली ये बात सामने आई कि 95 प्रतिशत मामलों में जिस पर रेप का आरोप लगा, वो पीड़ित के परिवार का सदस्य या कोई करीबी दोस्त ही था। उत्तर भारत के राज्य ऐसे मामलों में सबसे ऊपर रहे।
बलात्कारियों में से एक किशोर था इसलिए उसके खिलाफ सुनवाई जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में की गई। बोर्ड ने उसे तीन साल के लिए सुधार गृह में भेज दिया था। अब वो रिहा हो चुका है। पीड़िता की मौत के पांच दिन बाद पुलिस ने पांच व्यस्क आरोपियों के खिलाफ बलात्कार, हत्या, अपहरण और सबूत मिटाने के आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कर लिया था। एक आरोपी राम सिंह 11 मार्च को तिहाड़ जेल में मरा हुआ पाया गया था और उसके खिलाफ मामला बंद कर दिया गया है। चार वयस्क आरोपियों अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मौत की सजा सुनाई गई है।