इस सरकारी विभाग के 11,000 कर्मचारियों की नौकरी खतरें में

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नई दिल्ली: भारतीय रेलवे में करीब 11,000 कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। रेलवे बोर्ड ने कई जोन को इस संबंध में पत्र लिखकर पदों को खत्म करने के संकेत दिए है। रेल मंत्रालय ने खर्च कटौती करने के सिलसिले को तेज करते हुए सभी 17 रेल मंडलों से करीब 11 हजार पदों को खत्म करने को कहा है। बोर्ड के इस फैसले के बाद कर्मचारी हैरान हैं। कहा जा रहा है कि नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि लाखों नई नौकरियां दी जाएंगी लेकिन यहां तो पुरानी नौकरियां ही छीनने की तैयारी है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 25 मई को केंद्रीय रेलवे बोर्ड ने सभी 17 जोन के मुख्यालय को पत्र लिखकर करीब 11,000 पद समाप्त करने को कहा है। इस पत्र से कर्मचारियों में भले ही खलबली हो लेकिन रेलवे प्रशासन इसे सामान्य प्रक्रिया बता रहा है। अधिकारियों का कहना है कि रेलवे प्रति वर्ष एक प्रतिशत पद समाप्त करता है। इस बार कुछ भी नया नहीं होने जा रहा है।

 

 

रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा आदेश पर अधिकारी सफाई दे रहे हैं कि समीक्षा के बाद यह तय किया जाएगा कि कौन से अनुपयोगी पद समाप्त किए जाएंगे। अधिकारी का यह भी दावा है कि ऐसे पद समाप्त करने से रेलवे का कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

इन 17 जोन में इतने पदों की होगी कटौती
दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे जोन को 400 पद, सेंट्रल और ईस्टर्न रेलवे को 1-1 हजार पद, ईस्ट कोस्ट रेलवे को 700, नॉर्दन रेलवे को 1500, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे को 150, नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे को 700, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे को 300, ईस्ट सेंट्रल रेलवे को 300, नॉर्थ ईस्टफ्रंटियर रेलवे को 550 पद खत्म करने को कहा गया है। इसी तरह सदर्न रेलवे को 1500, साउथ सेंट्रल रेलवे को 800, साउथ ईस्ट सेंट्रल और साउथ ईस्टर्न रेलवे को 400-400 पद, साउथ वेस्टर्न रेलवे को 200, वेस्टर्न रेलवे को 700 और वेस्ट सेंट्रल रेलवे को 300 पद खत्म करने को कहा गया है।

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