बंगाल के अस्पताल में 24 घंटों में 10 बच्चों की मौत, 10 साल पहले भी हुआ था ऐसा हादसा

दिल दहला देने वाली इस घटना की जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। जांच का विषय है कि अचानक से अस्पताल में उन नवजात शिशुओं की तबियत कैसे बिगड़ी? ऐसा क्या हुआ कि उनकी मौत हो गई?

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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज (murshidabad medical college) अस्पताल में पिछले 24 घंटे में 9 नवजात शिशुओं और 2 साल के एक बच्चे की मौत के बाद हड़कंप मच गया है। मेडिकल कॉलेज में करीब दस साल बाद ऐसी घटना दोबारा हुई है जिसमें एक दिन में इतने बच्चों की मौत हुई है बच्चों की मौत के बाद से अस्पताल में अफरा-तफरी फैल गई है।

अस्पताल के अनुसार बच्चों की मौत, कुपोषण, श्वसन संबंधी समस्याओं आदि के कारण हुई है मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल अमित ने कहा कि इस बार बच्चों की मौत अलग-अलग कारणों से हुई। प्रिंसिपल ने कहा की तीन बच्चों की मौत मार्टिमा की वजह से हुई है जबकि एक की मौत रेस्पिरेटरी लो डिस्ट्रेस सिंड्रोम के कारण हो गई. जन्म के समय अत्यधिक कम वजन के कारण एक की मौत हो गई।

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फिलहाल दिल दहला देने वाली इस घटना की जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। जांच का विषय है कि अचानक से अस्पताल में उन नवजात शिशुओं की तबियत कैसे बिगड़ी? ऐसा क्या हुआ कि उनकी मौत हो गई? अभी तक इन सवालात के जवाब पुख्ता तौर पर नहीं मिल सका है, लेकिन चिकित्सकों की मानें तो तमाम नवजात शिशु गर्भ में कुपोषण का शिकार थे।

इनका वजन 300 से 500 ग्राम था। मौत का कारण यही हो सकता है। उधर, अस्पताल के बारे में एक और उल्लेखनीय पहलू यह भी बता देना जरूरी है कि एसएनसीयू विभाग में सिर्फ 52 नवजात शिशुओं को भर्ती किए जाने की क्षमता है, जबकि इस वक्त यहां भर्ती बच्चों की गिनती 250 हो गई थी। एक-एक बेड पर तीन शिशुओं को एडमिट किया जा रहा है, जिससे स्थिति बिगड़ने की आशंका प्रबल हो रही है।


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