लखनऊ: यूपी से रुझान आने शुरू हो गए है और इन आंकणों से साफ हो गया है BJP ने पूर्ण बहुमत के साथ अपना यूपी वनवास खत्म कर दिया। लेकिन जीत के बाद अब जनता की नजर यूपी के सीएम की तरफ है। यूपी की जनता को उम्मीद है कि मोदी सरकार को जीत दिलाने के बाद उनको एक अच्छा सीएम मिलेगा। Panchdoot.com आपको बीजेपी के उन संभावित नामों के बारे में बता रहा है, जो पार्टी की ओर से सीएम पद के दावेदार हो सकते हैं।
राजनाथ सिंह
अटल विहारी वाजपेयी के संसदीय क्षेत्र लखनऊ से सांसद और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह पॉलिटिक्स के मंझे हुए खिलाड़ी कहे जाते हैं। संघ में भी उनकी पकड़ है। उन्हें संगठन और सत्ता दोनों का काफी अनुभव है। वे प्रदेश अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक की जिम्मेदारी संभाल चुके है। ऐसा माना जा रहा है कि सवर्णों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी उन्हें सीएम के तौर पर केंद्र से यूपी भेज सकती है।
योगी आदित्यनाथ
यूपी में योगी आदित्यनाथ बीजेपी के फायर ब्रांड नेता के तौर पर जाने जाते हैं। पहले वे पूर्वांचल तक ही सीमित थे, लेकिन इस चुनाव से पहले पार्टी ने उनसे वेस्ट यूपी में भी जमकर प्रचार कराया है। योगी का नाम काफी समय से सीएम फेस के लिए सामने आ रहा है।
यूपी में योगी आदित्यनाथ बीजेपी के फायर ब्रांड नेता के तौर पर जाने जाते हैं। पहले वे पूर्वांचल तक ही सीमित थे, लेकिन इस चुनाव से पहले पार्टी ने उनसे वेस्ट यूपी में भी जमकर प्रचार कराया है। योगी का नाम काफी समय से सीएम फेस के लिए सामने आ रहा है।
मनोज सिन्हा
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा भी सीएम पद की रेस में हैं। पूर्वांचल क्षेत्र में वे एक जाना-माना नाम हैं और उस क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं। मनोज सिन्हा को लेकर पिछले एक साल से चर्चाएं तेज हैं कि वे यूपी का सीएम फेस हो सकते हैं। गाजीपुर से तीन बार सांसद रहे मनोज सिन्हा सिविल इंजीनियिरिंग से एमटेक हैं। वह संगठन में 1989 से 1996 तक राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रह चुके हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह के करीबी मनोज पूर्वांचल से आते हैं, जहां पीएम मोदी का सबसे ज्यादा फोकस रहा है। पीएम बतौर रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के काम की तारीफ भी कर चुके हैं।
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा भी सीएम पद की रेस में हैं। पूर्वांचल क्षेत्र में वे एक जाना-माना नाम हैं और उस क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं। मनोज सिन्हा को लेकर पिछले एक साल से चर्चाएं तेज हैं कि वे यूपी का सीएम फेस हो सकते हैं। गाजीपुर से तीन बार सांसद रहे मनोज सिन्हा सिविल इंजीनियिरिंग से एमटेक हैं। वह संगठन में 1989 से 1996 तक राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रह चुके हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह के करीबी मनोज पूर्वांचल से आते हैं, जहां पीएम मोदी का सबसे ज्यादा फोकस रहा है। पीएम बतौर रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के काम की तारीफ भी कर चुके हैं।
डॉ. दिनेश शर्मा
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और लखनऊ के मेयर डॉ. दिनेश शर्मा, केंद्रीय मंत्री उमा भारती के करीबी माने जाते हैं। वे युवा मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्हें बीजेपी के सदस्यता अभियान का प्रमुख बनाया गया था, जिसके बाद बीजेपी विश्व की सबसे ज्यादा सदस्यों वाली पार्टी बनी। 2014 के लोकसभा चुनाव में वे लखनऊ में राजनाथ सिंह के चुनाव कन्वीनर भी रह चुके हैं। साथ ही पीएम मोदी के भी काफी करीबी माने जाते हैं। खास बात ये है कि शर्मा की ससुराल भी गुजरात में है। साल 2006 में अटल बिहारी वाजपेयी ने भी अपना आखिरी भाषण दिनेश शर्मा को चुनाव जिताने के लिए दिया था।
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और लखनऊ के मेयर डॉ. दिनेश शर्मा, केंद्रीय मंत्री उमा भारती के करीबी माने जाते हैं। वे युवा मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्हें बीजेपी के सदस्यता अभियान का प्रमुख बनाया गया था, जिसके बाद बीजेपी विश्व की सबसे ज्यादा सदस्यों वाली पार्टी बनी। 2014 के लोकसभा चुनाव में वे लखनऊ में राजनाथ सिंह के चुनाव कन्वीनर भी रह चुके हैं। साथ ही पीएम मोदी के भी काफी करीबी माने जाते हैं। खास बात ये है कि शर्मा की ससुराल भी गुजरात में है। साल 2006 में अटल बिहारी वाजपेयी ने भी अपना आखिरी भाषण दिनेश शर्मा को चुनाव जिताने के लिए दिया था।
केशव प्रसाद मौर्या
युवा चेहरों और संगठन के कामों में व से बैलेंस बनाकर चलने वाले केशव प्रसाद मौर्या पीएम मोदी और अमित शाह दोनों की पसंद हैं। वह 2012 में विधानसभा सदस्य चुने जाने के बाद 2014 का लोकसभा चुनाव फूलपुर से जीते। इसके बाद उन्हें यूपी की जिम्मेदारी सौंपी गई। मौर्या संघ के अलावा विहिप और बजरंग दल जैसे संगठनों में भी काम कर चुके हैं। वे विहिप अध्यक्ष अशोक सिंघल के काफी नजदीकी हुआ करते थे। इतना ही नहीं, अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो इसका बड़ा क्रेडिट केशव को जाएगा, जैसा कि महाराष्ट्र चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते देवेंद्र फडणवीस को मिला था।
युवा चेहरों और संगठन के कामों में व से बैलेंस बनाकर चलने वाले केशव प्रसाद मौर्या पीएम मोदी और अमित शाह दोनों की पसंद हैं। वह 2012 में विधानसभा सदस्य चुने जाने के बाद 2014 का लोकसभा चुनाव फूलपुर से जीते। इसके बाद उन्हें यूपी की जिम्मेदारी सौंपी गई। मौर्या संघ के अलावा विहिप और बजरंग दल जैसे संगठनों में भी काम कर चुके हैं। वे विहिप अध्यक्ष अशोक सिंघल के काफी नजदीकी हुआ करते थे। इतना ही नहीं, अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो इसका बड़ा क्रेडिट केशव को जाएगा, जैसा कि महाराष्ट्र चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते देवेंद्र फडणवीस को मिला था।
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