हनुमानगढ़। जंक्शन स्थित श्री बाबा रामदेव मंदिर प्रांगण में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा एवं नानी बाई का मायरा महोत्सव आध्यात्मिक श्रद्धा एवं भक्ति की अनूठी छटा बिखेर रहा है। महोत्सव के छठे दिन की कथा में प्रसिद्ध बालसंत श्री भोलेबाबा जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का भावपूर्ण वर्णन करते हुए श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कथा वाचन के दौरान बालसंत श्री भोलेबाबा जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर गोकुल आगमन, पूतना वध, शकटासुर मर्दन, त्रिणावर्त वध, नामकरण संस्कार तथा अन्य बाल लीलाओं का सरस वृतांत प्रस्तुत किया। कथा में पूतना वध प्रसंग पर उन्होंने विशेष रूप से प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार भगवान श्रीकृष्ण ने बचपन में ही पाप का नाश कर धर्म की स्थापना की। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं केवल मनोरंजन की दृष्टि से नहीं, बल्कि गूढ़ आध्यात्मिक संदेशों से परिपूर्ण होती हैं।
मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही, सभी ने भावविभोर होकर कथा श्रवण किया। बालसंत भोलेबाबा जी की मधुर वाणी, गहन आध्यात्मिक ज्ञान और सरल भाषा में वर्णित प्रसंगों ने कथा को अत्यंत प्रभावशाली बना दिया। संगीतमय शैली में प्रस्तुत कथा के दौरान भजन कीर्तन भी हुए, जिससे वातावरण भक्तिमय हो उठा।
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