रिलायंस जियो 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के दिन एयर फाइबर (Jio AirFiber) लॉन्च करेगी। इसकी घोषणा रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने बीते दिन 46वीं एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में की। एयर फाइबर की खासियत इसकी पोर्टेबिलिटी भी है।
यूजर इसे कभी भी किसी भी लोकेशन पर ले जाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, वहां पर 5G कनेक्टिविटी अवेलेबल होनी चाहिए। रिलायंस जियो के मुताबिक, उनका एयर फाइबर चलते-फिरते ब्रॉडबैंड जैसी स्पीड देने में सक्षम है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि इन दोनों डिवाइस में अंतर क्या है? नया जियो एयर फाइबर कैसे काम करेगा और इससे यूजर्स को क्या फायदा हो सकता है?
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जियो फाइबर और जियो एयर फाइबर में क्या अंतर है?
जियो फाइबर ऑप्टिक वायर टेक्नोलॉजी पर बेस्ड होते हैं। इसके जरिए इंटरनेट प्रोवाइड करने के लिए कंपनी घर/ऑफिस में एक राउटर इंस्टॉल करती है। उस राउटर तक ऑप्टिक वायर को ले जाकर कनेक्ट करती है। इसके बाद फाइबर स्टेबल हाई-स्पीड इंटरनेट प्रोवाइड करता है, लेकिन इसमें बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है।
वहीं, जियो एयर फाइबर के जरिए कंपनी वायरलेस ब्रॉडबैंड सर्विस प्रोवाइड करेगी। यह काफी हद तक वायरलेस डोंगल की तरह काम करता है लेकिन इंटरनेट की स्पीड काफी तेज होती है। इसके लिए किसी भी प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर की भी जरूरत नहीं होती है।
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आपको बता दें कि एयरटेल तीन हफ्ते पहले एक्सट्रीम एयर फाइबर दिल्ली और मुंबई के लिए लॉन्च कर चुका है। कंपनी का दावा है कि एयरटेल एक्सट्रीम एयर फाइबर में Wi-Fi 5 राउटर के मुकाबले 50% ज्यादा फास्ट इंटरनेट स्पीड मिलेगा।
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