पुणे में फैला जीका वायरस, क्या है ये वायरस? इन 4 कारणों से फैलता जीका

जीका वायरस एडीज मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है। इसमें ऑर्गेनिज्म हमारी कोशिकाओं का इस्तेमाल करके अपनी ढेर सारी कॉपीज बना लेता है।

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महाराष्ट्र के पुणे में जीका वायरस (Zika Virus Case Pune) के मामले बढ़ते जा रहे हैं। 1 जुलाई को 2 प्रेग्नेंट महिलाओं में वायरस की पुष्टि होने के साथ, पिछले 11 दिनों में मरीजों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है। पुणे नगर निगम (PMC) की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कल्पना बलिवंत के मुताबिक उनकी टीम ने 25 सैंपल कलेक्ट किए थे।

एरंडवाने इलाके से लिए 12 सैंपल में से 7 गर्भवती महिलाओं के थे। इनमें से दो गर्भवती महिलाओं की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। इन मरीजों की देश या विदेश की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। टीम ने मुंधवा से भी 13 सैंपल लिए थे, जिनमें से किसी भी गर्भवती महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं थी।

क्या होता जीका वायरस 
जीका वायरस एडीज मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है। इसमें ऑर्गेनिज्म हमारी कोशिकाओं का इस्तेमाल करके अपनी ढेर सारी कॉपीज बना लेता है। इस बीमारी के साथ मुश्किल यह है कि ज्यादातर संक्रमित लोगों को पता नहीं चलता है कि वे जीका वायरस से संक्रमित हैं। असल में जीका वायरस के लक्षण बहुत हल्के होते हैं। इसके बावजूद यह गर्भवती महिलाओं को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। इस वायरस के कारण भ्रूण का मस्तिष्क पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाता है।

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जीका वायरस के लक्षण
जीका से पीड़ित ज्यादातर लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। अक्सर सिरदर्द, बुखार, शरीर पर लाल दाने, आंखों का लाल होना, मासपेशियों में दर्द आदि। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, जीका वायरस से संक्रमित केवल 5 में से 1 व्यक्ति में ही लक्षण दिखाई देते हैं। जो लक्षण नजर आते हैं, वे इतने कॉमन हैं कि यह अंदाज लगा पाना मुश्किल हो जाता है।

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जीका वायरस से बचाव
घर में या घर के आसपास कहीं भी पानी न जमा होने दें। चूंकि एडीज मच्छर बहुत दूर तक उड़कर नहीं जा सकता है तो इससे काफी हद तक बचाव हो सकता है। इसके अलावा जीका वायरस प्रकोप के जोखिम वाले क्षेत्रों की यात्रा करने से बचें। अगर जाना जरूरी है तो पूरे बाजू के कपड़े पहनें और मच्छरदानी में सोएं।

कैसे फैलता है जीका वायरस

एडीज मच्छरों से: जीका वायरस संक्रमण के ज्यादातर मामलों के लिए एडीज मच्छर जिम्मेदार हैं। जब कोई एडीज मच्छर जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद दूसरे व्यक्ति के काटता है तो संक्रमण फैल सकता है।

गर्भवती महिला से भ्रूण में: अगर गर्भवती महिलाएं जीका वायरस से संक्रमित हैं तो यह प्लेसेंटा के जरिए भ्रूण तक पहुंच सकता है। जीका के कारण बच्चा माइक्रोसेफली जैसी जन्मजात मेडिकल कंडीशन के साथ पैदा हो सकता है। इसका मतलब है कि बच्चे का मस्तिष्क पूरी तरह विकसित नहीं हो पाएगा।

सेक्शुअल एक्टिविटीज से: जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति के सीमन में यह वायरस कई हफ्तों और महीनों तक जीवित रह सकता है। यह ओरल, एनल या वेजाइनल सेक्स के जरिए भी फैल सकता है।

ब्लड ट्रांसफ्यूजन: विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक ब्राजील और फ्रांस में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के जरिए जीका ट्रांसमिशन के केस सामने आए हैं। हालांकि अन्य देशों में ब्लड ट्रांसफ्यूजन से जीका संक्रमण के मामले नहीं दिखे हैं।

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