14 अक्टूबर को आश्विन मास की अमावस्या जिसे सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या भी कहते हैं और इस दिन सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2023) भी है। भारतीय समय अनुसार 14 अक्टूबर की रात करीब 8.30 बजे से सूर्य ग्रहण शुरू होगा और रात 2.25 बजे खत्म होगा। ये ग्रहण अमेरिका और अफ्रिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इस कारण देश में सूतक नहीं रहेगा।
वैसे तो सूर्य ग्रहण खगोलीय घटना है, लेकिन इससे जुड़ी धार्मिक मान्यताएं भी काफी अधिक हैं। जिन जगहों पर सूर्य ग्रहण दिखाई देता है, वहां ग्रहण शुरू होने से ठीक 12 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है।
14 अक्टूबर का ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इस कारण देश में इसका सूतक नहीं रहेगा। सूतक न होने से अमावस्या से जुड़े सभी शुभ काम किए जा सकेंगे। शनिवार को ही पितृपक्ष का अंतिम भी रहेगा।
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अमावस्या पर कर सकते हैं ये शुभ काम
- अमावस्या पर ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा तो पूरे दिन सभी तरह के पूजन-पाठ किए जा सकेंगे।
- ग्रहण के दिन दान-पुण्य करना चाहते हैं तो भक्त अपनी इच्छा के अनुसार दान कर सकते हैं।
- अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। इस तिथि पर गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, शिप्रा जैसी पवित्र नदियों में स्नान के लिए काफी अधिक भक्त पहुंचते हैं। स्नान के बाद नदी किनारे पर दान-पुण्य करना चाहिए।
- जो लोग नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए। स्नान करते समय सभी तीर्थों का और नदियों का ध्यान करना चाहिए।
- जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज, जूते-चप्पल और कपड़े का दान करें। अमावस्या पर किए गए शुभ कर्मों का अक्षय पुण्य मिलता है।
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