नौ दिन शक्ति की अराधना वाले शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) की शुरुआत आश्विन माह के शुल्क प्रथम तिथि से होती है। शारदीय नवरात्रि अश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि से नवमी तक रहती है और दशमी के दिन देवी दुर्गा का विसर्जन किया जाता है। पंचांग भेद की वजह से कई बार नवरात्रि आठ दिन की भी होती है। आइए जानते हैं इस साल शारदीय नवरात्रि 2023 में 8 या 9 कितने दिन के होंगे।
शारदीय नवरात्रि की तिथि
पंचाग के अनुसार वर्ष 2023 में आश्विन माह के शुल्क पक्ष की पहली तिथि 14 अक्टूबर शनिवार को रात्रि 11 बजकर 24 मिनट से शुरु होगी। यह तिथि 15 अक्टूबर को रात्रि 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। इसलिए सूर्य उगने की तिथि के अनुसार शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर रविवार से शुरु होगी।
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कलश स्थापना का मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना होती है। वर्ष 2023 के शारदीय नवरात्रि के लिए 15 अक्टूबर को दिन में 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट कलश स्थापना का मुहूर्त रहेगा।
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शारदीय नवरात्रि 2023 तिथियां
दिनांक | तिथियां |
15 अक्टूबर 2023 (रविवार) | मां शैलपुत्री, प्रतिपदा तिथि, घटस्थापना |
16 अक्टूबर 2023 (सोमवार) | मां ब्रह्मचारिणी, द्वितीया तिथि |
17 अक्टूबर 2023 (मंगलावर) | मां चंद्रघंटा, तृतीया तिथि |
18 अक्टूबर 2023 (बुधवार) | मां कुष्मांडा, चतुर्थी तिथि |
19 अक्टूबर 2023 (गुरुवार) | मां स्कंदमाता, पंचमी तिथि |
20 अक्टूबर 2023 (शुक्रवार) | मां कात्यायनी, षष्ठी तिथि |
21 अक्टूबर 2023 (शनिवार) | मां कालरात्रि, सप्तमी तिथि |
22 अक्टूबर 2023 (रविवार) | मां महागौरी, दुर्गा अष्टमी, महा अष्टमी |
23 अक्टूबर 2023 (सोमवार) | मां सिद्धिदात्री, महा नवमी |
24 अक्टूबर 2023 (मंगलावर) | मां दुर्गा विसर्जन, दशमी तिथि (दशहरा) |
9 दिन मनाए जाएंगे नवरात्रि
इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर 2023 और 23 अक्टूबर 2023 को होगा। 24 अक्टूबर को विजयादशमी पर मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन होगा। ऐसे में शारदीय नवरात्रि पूरे 9 दिन मनाए जाएंगे। इस साल किसी भी तिथि का क्षय नहीं है। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में तिथि का घटना अशुभ माना जाता है।
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माता की सवारी और उनके महत्व
मान्यता के अनुसार यदि नवरात्रि सोमवार या रविवार से शुरू हो रही है तो मां दुर्गा का वाहन हाथी होता है, जो अधिक वर्षा के संकेत देता है। वहीं यदि नवरात्रि मंगलवार और शनिवार शुरू होती है, तो मां का वाहन घोड़ा होता है, जो सत्ता परिवर्तन का संकेत देता है। इसके अलावा गुरुवार या शुक्रवार से शुरू होने पर मां दुर्गा डोली में बैठकर आती हैं जो रक्तपात, तांडव, जन-धन हानि का संकेत बताता है। वहीं बुधवार के दिन से नवरात्रि की शुरुआत होती है, तो मां नाव पर सवार होकर आती हैं। नाव पर सवार माता का आगमन शुभ होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। पंचदूत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)