Sawan 2024 Date: इस सावन ये हैं 5 शुभ योग, बस करनी होगी इस विधि से शिव की पूजा

सावन माह में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि सावन माह में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।

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Sawan 2024 Date

सावन की (Sawan 2024 Date) शुरुआत 22 जुलाई, दिन सोमवार से हो रही है यानि कि जिस दिन से सावन शुरू है उसी दिन पहले सोमवार पड़ रहा है। सावन का पहला सोमवार बहुत खास माना जाता है। अगर आप भी सावन के पहले सोमवार पर भगवान शिव का ध्यान अपनी ओर लाना चाहते हैं और उनकी कृपा पाना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को आखिर तक जरुर पढ़ें और जानें कि किस तरह से आप पूजा की तैयारियां कर सकते हैं, कौन से शुभ योग पहले सोमवार पर पड़ रहे हैं और पहले सावन सोमवार पर आप क्या-क्या उपाय अपना सकते हैं।

सावन सोमवार की तिथियां कब-कब है?

  • 22 जुलाई 2024- पहला सोमवार
  • 29 जुलाई 2024-दूसरा सोमवार
  • 05 अगस्त 2024- तीसरा सोमवार
  • 12 अगस्त 2024- चौथा सोमवार
  • 19 अगस्त 2024- पांचवा सोमवार

पूजा सामग्री

  • भगवान शिव प्रतिमा – भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग।
  • नैवेद्य – फूल, फल, मिठाई, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर), इलायची, लौंग, सुपारी।
  • धतूरा: 1 या 2 धतूरे के फूल।
  • घी: 1 दीपक के लिए घी।
  • धूप – धूपबत्ती
  • जल – गंगाजल
  • बेलपत्र – तीन या पांच बेलपत्र।
  • भोग – शिवजी को चढ़ाने के लिए भोग (जैसे कि लड्डू, पूरी, खीर)।
  • वस्त्र – भगवान शिव को चढ़ाने के लिए नया वस्त्र।
  • रोली, चंदन, कपूर, अक्षत, सुगंधित तेल, रुद्राक्ष माला।

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अभिषेक सामग्री

  • पंचामृत – गाय का दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल
  • बेल पत्र
  • धतूरा
  • आंकड़े के फूल
  • कमल के फूल
  • गुलाब के फूल
  • भांग
  • चंदन
  • रोली
  • कपूर
  • घी
  • धूप
  • फल
  • मिठाई
  • जल

पूजा का शुभ मुहूर्त
22 जुलाई को सुबह ब्रह्म मुहूर्त से लेकर रात को 11 बजकर 40 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इसके अलावा, श्रवण नक्षत्र में प्रीति योग भी निर्मित हो रहा है। साथ ही, सुबह 5 बजकर 57 मिनट से दोपहर के 12 बजकर 5 मिनट तक पुष्कर योग का भी साया रहने वाला है। इन तीनों ही योगों को ज्योतिष गणना में पूजा एवं शिवलिंग अभिषेक के लिए बहुत शुभ माना जाता है।

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पूजा का महत्व
सावन माह में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि सावन माह में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही व्यक्ति की सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने कठिन तपस्या की थी। जिसके फलस्वरूप महादेव ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वर दिया था। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि सावन के सोमवार में भगवान भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करने से मनचाहे वर की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही कुंडली में चंद्र की स्थिति भी मजबूत हो सकती है। इसके अलावा राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से भी छुटकारा मिल सकता है।

पूजा के शुभ योग
1. पचांग के अनुसार, इस बार सावन का दोहरा शुभ प्रभाव देखने को मिलेगा क्योंकि जहां एक ओर इस बार 5 सोमवार पड़ रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर तीन के बजाय 4 मंगला गौरी व्रत भी पड़ेंगे। सावन सोमवार और मंगला गौरी व्रत दोनों ही सुहागिनों एवं कुंवारी कन्याओं के लिए बेहद शुभ माने जाते हैं। सावन के पहले सोमवार यानी कि 22 जुलाई पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। सुबह 5 बजकर 37 मिनट सेइस योग की शुरुआत होगी और इसका समापन रात 10 बजकर 21 मिनट पर होगा।

2. सावन के दूसरे सोमवार यानी कि 29 जुलाई पर आयुष्मान योग बन रहा है। इसके अलावा, इस दिन चंद्रमा और मंगल साथ में नौवें और पांचवें भाव में विराजमान होंगे जिसके कारण नवम पंचम योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में शिवलिंग जलाभिषेक से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

3.सावन का तीसरा सोमवार 5 अगस्त को पड़ रहा है। इस दिन सौम्य नामक शुभ योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही, सूर्य और चंद्रमा की कर्क राशि में युति हो रही है जिसके कारण जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा खराब है वह अगर इस दिन चंद्रमा की पूजा करें तो इससे चन्द्रमा मजबूत बनेगा।

4. सावन 2024 का चौथा सावन का चौथा सोमवार 12 अगस्त को है। इस दिन अष्टमी तिथि रहेगी। अष्टमी तिथि के स्वामी स्वयं भगवान शिव हैं। इस दिन शुक्ल और ब्रह्म शुभ योग दिन भर रहेंगे और साथ ही, नक्षत्रों के संयोग से छत्र और मित्र नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। इन योगों में भगवान शिव का पंचाक्षर मंत्र जपें।

5. सावन का अंतिम सोमवार 19 अगस्त को रहेगा। इस दिन पूर्णिमा भी है तो पूरे दिन श्रवण योग बना रहेगा। ऐसे में भगवान शिव की पूजा के अलावा मां लक्ष्मी की पूजा भी करें। साथ ही, इस दिन बेलपत्र के पौधे की पूजा भी करें क्योंकि बेलपत्र भगवान शिव को प्रिय है और इसकी पत्तियों में मां लक्ष्मी का वास है।

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