मौनी अमावस्या पर इन शुभ मुहूर्तों में करें महाकुंभ का शाही स्नान, जानें किन मंत्रों का करें जाप

मौनी अमावस्या जिसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है, इसका आरंभ 28 जनवरी, दिन मंगलवार को रात 7 बजकर 35 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 29 जनवरी, दिन बुधवार को शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगा।

108

मान्यता है कि सभी 12 अमावस्या तिथियों में मौनी अमावस्या सबसे ज्यादा लाभकारी और महत्वपूर्ण है क्योंकि इस अमावस्या पर राहु का दुष्प्रभाव अपने चरम पर होता है और ऐसी स्थिति में राहु से बचने के लिए विशेष शिव पूजन किया जाता है। इस साल मौनी अमावस्या का महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि इस बार तिथि पर अमृत स्नान का योग बन रहा है। अगर आप महाकुंभ में है या घर पर स्नान कर रहे हैं तो इस दिन आपको क्या कुछ करना चाहिए वो हम आपको यहां बता रहे हैं।

मौनी अमावस्या कब है
मौनी अमावस्या जिसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है, इसका आरंभ 28 जनवरी, दिन मंगलवार को रात 7 बजकर 35 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 29 जनवरी, दिन बुधवार को शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगा। ऐसे में मौनी अमावस्या का पहला मुहूर्त शाही स्नान के लिए 29 जनवरी की सुबह पड़ेगा। यह मुहूर्त सूर्योदय से पहले का होगा।

मौनी अमावस्या अमृत स्नान मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: मौनी अमावस्या के दिन पहला मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त में बन रहा है। मौनी अमावस्या यानी की 29 जनवरी के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 25 मिनट से सुबह 6 बजकर 19 मिनट तक है। ऐसे में इस मुहूर्त में अमृत स्नान करना बहुत शुभ रहेगा। इस मुहूर्त में अमृत स्नान से देवी-देवताओं का असीम आशीर्वाद प्राप्त होगा और जीवन के कष्टों का भी निवारण हो जाएगा।

ये भी पढ़ें: मौनी अमावस्या से पहले महाकुंभ में भीड़ बेकाबू, अगर आप भी आ रहे हैं तो जरुर पढ़ें ये खबर

शिव वास योग: मौनी अमावस्या के दिन शिव वास योग बन रहा है जिसे भगवान शिव की आराधना के साथ ही अमृत स्नान के लिए भी बहुत लाभकारी माना जा रहा है। शिव वास योग ब्रह्म मुहूर्त के साथ आरंभ होगा और इसका समापन शाम को 6 बजकर 5 मिनट पर तिथि के साथ होगा। इस योग में अमृत स्नान करते हुए शिव मंत्रों का जाप करने से शिव सानिध्य प्राप्त होगा।


पंचदूत को व्हाट्सऐप पर फॉलो करें, Panchdoot WhatsAPP पर क्लिक करें…

ये भी पढ़ें: अयोध्या में 20 लाख रामभक्तों की भीड़, 2 की मौत, सिस्टम हुआ फेल, देखें VIDEO

सिद्धि योग: मौनी अमावस्या पर सिद्धि योग भी बन रहा है। सिद्धि योग सुबह 5 बजकर 12 मिनट से आरंभ होगा और रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। इस योग में सुबह के समय जहां एक ओर अमृत स्नान करने से पुण्यों की प्राप्ति होगी तो वहीं, इस योग में अपने इष्ट देवी या देवता के मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि एवं संपन्नता का आगमन होगा।

ये भी पढ़ें: Mahakumbh 2025: कुंभ मेले में कौन-कौन से अनुष्ठान किए जाते हैं?

अमृत स्नान के दौरान इन मंत्रों का करें जाप
मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान के दौरान मां गंगा के 3 प्रमुख मंत्र: ‘ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:’, ‘ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।’ और ‘गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।।’ का जाप अवश्य करें। इससे पुण्यों में वृद्धि होगी और मां गंगा की कृपा मिलेगी।

मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या के दिन दान- स्नान करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन पितृ तर्पण और पिंड दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और धन- समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।