Kartik Purnima 2023: कब है कार्तिक पूर्णिमा? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। साथ ही, इस दिन शिव योग ब्रह्म मुहूर्त से लेकर रात 11 बजकर 39 मिनट तक है। इसके अलावा, सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 1 बजकर 35 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजकर 54 मिनट तक है। 

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Kartik Purnima 2023: साल में 12 पूर्णिमा तिथियां पड़ती हैं। इन्हीं में से एक है कार्तिक पूर्णिमा। धर्म-ग्रंथों में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष स्थान माना गया है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाती है। हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत महत्व माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है।

इस दिन गंगा स्नान का खासा महत्व है। मान्यता है कार्तिक पूणिमा के दिन गंगा स्नान करने से सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं और व्यक्ति के जीवन एवं घर-संसार में सुखों का आगमन होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव की पूजा करने से सभी संकटों का नाश होता है।

कार्तिक पूर्णिमा की तिथि का आरंभ 26 नवंबर, दिन रविवार को दोपहर 3 बजकर 53 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 27 नवंबर, दिन शुक्रवार को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार इस साल कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को पड़ रही है।

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कार्तिक पूर्णिमा का ब्रह्म मुहूर्त कब है?
कार्तिक पूर्णिमा यानी कि 27 नवंबर को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 5 मिनट से सुबह 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। वहीं, अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। साथ ही, इस दिन शिव योग ब्रह्म मुहूर्त से लेकर रात 11 बजकर 39 मिनट तक है। इसके अलावा, सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 1 बजकर 35 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजकर 54 मिनट तक है।

कार्तिक पूर्णिमा पर कैसे करें पूजा?
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा में स्नान करें। गंगा स्नान संभव नहीं है तो घर में ही स्नान के पानी में गंगाजल मिलाएं। स्नान के बाद मंदिर में दीपक जलाएं। भगवान विष्णु का स्मरण करें। भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। भगवान विष्णु को पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, फल आदि अर्पित करें और भगवान विष्णु को भोग लगाएं। ध्यान रखें कि भगवान विष्णु के भोग में तुलसी दल अवश्य डालें।

मां लक्ष्मी के मंत्रों का भी जाप करें। इस दिन भगवान शिव की आराधना भी करें। शिवलिंग पर जल अर्पित करें। रात के समय चंद्रमा की पूजा करें। चंद्रमा को अर्घ्य दें और चंद्रमा के मंत्रों का जाप करें। इस दिन गाय को भोजन भी अवश्य कराएं। ऐसा करने से घर और परिवार पर सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।


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