जुकाम-बुखार और खांसी जैसी इन आम बीमारियों पेरासिटामोल लेना आपके शरीर को कितना नुकसान पहुंचाता है ये शायद आपको भी नहीं मालूम। बता दें कि पेरासिटामोल का लंबे समय तक सेवन और अधिक मात्रा में सेवन करने से आपको किडनी, पेट, अस्थमा से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती है। तो आज ही संभल जाए!!!!
बच्चों के लिए भी खतरनाक- साल 2008 में की गई एक स्टडी में सामने आया था कि बच्चों को कम उम्र में यानि 6-7 साल की उम्र में पेरासीटामोल देने से उनके शरीर में अस्थमा के लक्षणों को बढ़ावा मिलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी मानना है कि बच्चों को 101.3 °F बुखार होने पर ही पेरासीटामोल देनी चाहिए।
प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खतरनाक- अगर कोई प्रेग्नेंट महिला दर्द से राहत के लिए पेरासिटामोल का इस्तेमाल करती है तो यह दवा गर्भ में पल रहे बच्चे पर नुकसान डाल सकती है। इसके लगातार सेवन से बच्चे के विकास में रुकावट हो सकती है। नेशनल हेल्थ सर्विस के अनुसार गर्भवती को बिना डॉक्टर की सलाह के पेरासिटामोल नहीं लेनी चाहिए।
लीवर डेमेज होने की संभावना- अगर कोई पीलिया या लीवर से जुड़ी किसी बीमारी से पीड़ित है तो उसके पेरासिटामोल नहीं लेनी चाहिए और अगर लें भी तो डॉक्टर की सलाह से लें। पेरासिटामोल के गलत इस्तेमाल से लीवर डैमेज हो सकता है और कई मामलों में लीवर फेलियर के भी चांस होते हैं।
स्टमक ब्लीडिंग का खतरा- अगर आप पेरासिटामोल की हाई डोज लेते हैं तो यह आपके पेट के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। पेरासिटामोल की हाई डोज यानि हर रोज 2000 एमजी से ज्यादा पेरासिटामोल खाने से पेट की दिक्कतें बढ़ना शुरू हो जाती है, इसमें स्टमक ब्लीडिंग सबसे प्रमुख है। इसलिए पेरासिटामोल लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरुर ले लें।
किडनी के लिए नुकसानदायक- एक दिन में पेरासिटामोल का अधिक सेवन तो आपके शरीर के लिए हानिकारक है ही और इसका लंबे समय तक इस्तेमाल भी आपके शरीर के लिए खतरनाक है। एक साल में 300 ग्राम पैरासिटामोल यानि लगभग हर दिन एक ग्राम पेरासिटामोल के सेवन से आपको किडनी से जुड़ी दिक्कतें हो सकती है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के शोधकर्ताओं के अनुसार आस्टियोआर्थराइटिस एवं पीठ दर्द को कम करने के लिए लोग पैरासीटामॉल का इस्तेमाल आसानी से करते हैं, पर इसका किडनी पर असर पड़ता है।