वैसे तो कई डॉक्टर खाने में सरसो तेल की जगह रिफाइंड का इस्तेमाल करने को कहते हैं लेकिन शायद वे भी रिफाइंड से होने वाले इन नुकसान को नहीं जानते हैं। टीवी विज्ञापनों में भी रिफाइंड को सरसो तेल से बेहतर बताया जाता है।
1. केमिकल का इस्तेमाल- रिफाइंड देखने में जितना पतला और साफ दिखता है उसमें उतने ही केमिकल का प्रयोग होता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक जितना केमिकल सरसो के तेल को साफ करने में लगता है उससे दोगुना केमिकल का इस्तेमाल रिफाइंड में होता है।
2. प्राकृतिक चिकनाई की कमी- आमतौर पर आप किसी से पूछेंगे तो वह यही कहेगा कि रिफाइंड कॉलेस्ट्रॉल से बचाता है लेकिन वे शायद इस बात से अनजान हैं कि रिफाइंड तेल शरीर के अंगों की प्राकृतिक चिकनाई को भी खत्म कर देता है।
3. पोषक तत्वों की कमी- आमतौर पर परंपरागत तेलों को कम तापमान पर तैयार किया जाता है, जबकि रिफाइंड को बेहतर बनाने के लिए काफी ज्यादा तापमान पर तैयार किया जाता है।
4. फैटी एसिड की कमी- रिफाइंड तेल के इस्तेमाल से आपको जो जरूरी फैटी एसिड की जरूरत होती है वह आपको नहीं मिल पाता है। फैटी एसिड की कमी के कारण आप त्वचा रोग जैसी कई बीमारियों के शिकार हो जाता है। इसलिए जितना कम हो सके उतना रिफाइंड का इस्तेमाल करें।