कोरोना वायरस से जुड़े भ्रमित करने वाले सवालों का WHO ने दिया जवाब, इस खबर को जरूर पढ़ें

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ट्रेडिंग खबर: कोरोनावायरस (Coronaviruses) के संक्रमण से जुड़े कई भ्रमित सवाल सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। भ्रम फैलाने वाले इन सवालों में कितनी सच्चाई है और कितना झूठ इसका जवाब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दिया है। डब्ल्यूएचओ ने  लोगों को भ्रमित कर रहे 10 सवाल चुने और उनके जवाब पब्लिक डोमेन में जारी किए हैं। कोरोनावायरस से चीन में अब तक 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं, भारत में केरल से तीन मामले सामने आ चुके हैं।

सवाल- क्या लहसुन खाने से वायरस का संक्रमण रोका जा सकता है?
डब्ल्यूएचओ- लहसुन फायदा पहुंचाता है और इसमें सूक्ष्मजीवों से होने वाले नुकसान से बचाने की खूबी है, लेकिन इसे खाने से वायरस का संक्रमण नहीं होगा, यह बात वैज्ञानिक तौर पर सिद्ध नहीं हो सकी है।

सवाल- क्या शरीर पर तिल का तेल लगाकर वायरस से सुरक्षा की जा सकती है?
डब्ल्यूएचओ- नहीं, यह तेल कोरोनावायरस को नहीं मारता। हालांकि, कुछ ऐसे रसायन हैं जो इसे मार सकते हैं। इनमें ब्लीचिंग, क्लोरिन युक्त डिस्इन्फेक्टेंट शामिल हैं, जिसका इस्तेमाल सफाई में किया जा सकता है। लेकिन अगर वायरस शरीर में पहुंच चुका है तो इनका असर वायरस पर नहीं होगा। इनका इस्तेमाल स्किन पर करना खतरनाक साबित हो सकता है।

सवाल- क्या चीन से आने वाले पार्सल या लेटर को प्राप्त करना सुरक्षित है?
डब्ल्यूएचओ- हां, यह सुरक्षित है। चीन से आ रहे पार्सल या लेटर को छूने या इस्तेमाल करने से संक्रमण नहीं फैलता। रिसर्च से यह साबित हो चुका है कि कोरोनावायरस लंबे समय तक कागज या पैकेजिंग पर चिपकने के बाद जिंदा नहीं रहता।

सवाल- क्या घर में मौजूद पालतू जानवरों से वायरस फैल सकता है?
डब्ल्यूएचओ-अब तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला, जिससे ये साबित हो सके कि कुत्ते या बिल्ली जैसे पालतू जानवरों से कोरोनावायरस फैल सकता है। सबसे बेहतर तरीका है कि पालतू जानवरों को छूने के बाद साबुन से हाथ धोएं। इस तरह ई-कोलाई और सल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया से भी बच सकते हैं, जो आमतौर पर इंसान और जानवरों के बीच फैलते हैं।

सवाल- क्या निमोनिया वैक्सीन कोरोना वायरस से सुरक्षा प्रदान कर सकती है?
डब्ल्यूएचओ-नहीं। न्यूमोकोकल और हीमोफिलस इनफ्लूएंजा टाइप जैसी निमोनिया की वैक्सीन कोरोनावायरस से सुरक्षा नहीं करती हैं। शोधकर्ता नए कोरोनावायरस के लिए वैक्सीन विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अब तक कोई प्रभावी वैक्सीन नहीं तैयार

सवाल- क्या माउथवॉश आदि के इस्तेमाल से वायरस से बचा जा सकता है?
डब्ल्यूएचओ-नहीं। वैज्ञानिक तौर पर अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। कुछ माउथवॉश ऐसे हैं जो लार से कीटाणु खत्म करते हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि ये कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाएंगे।

सवाल- क्या नमक के पानी से नाक-मुंह धोने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है?
डब्ल्यूएचओ-नहीं। नमक के पानी से नाक धोने पर वायरस का संक्रमण रोका जा सकता है, अब तक इसका कोई प्रमाण नहीं मिला। कुछ मामलों में ऐसा करने से सर्दी-खांसी के मामलों में कमी जरूर आई है। रोजाना नाक साफ करने से जरूरी नहीं कि सांस लेने की प्रक्रिया को बाधित करने वाले संक्रमण को रोका जा सके।

सवाल- क्या कोरोनावायरस से बचने की कोई दवाई है?
डब्ल्यूएचओ-अब तक कोई ऐसी दवा नहीं तैयार हो पाई है जो नए कोरोनावायरस से बचा सके या इससे संक्रमित मरीज का इलाज किया जा सके।

सवाल- कोरोना वायरस किस उम्र के लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है?
डब्ल्यूएचओ-कोरोनावायरस किसी भी उम्र वर्ग के इंसान को संक्रमित कर सकता है। अगर कोई इंसान अस्थमा, डायबिटीज और हार्ट डिसीज से पीड़ित है तो उन्हें वायरस आसानी से संक्रमित कर सकता है और स्थिति गंभीर हो सकती है। सभी उम्र वर्ग के लोगों को इससे बचने के लिए जरूरी सावधानी बरतनी चाहिए।

सवाल- क्या एंटीबायोटिक के सेवन से वायरस से बचा जा सकता है। 
डब्ल्यूएचओ-एंटीबायोटिक्स केवल बैक्टीरिया से बचाती हैं, वायरस से नहीं। कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज में बैक्टीरियल इंफेक्शन के लक्षण दिखने पर एहतियात के तौर पर एंटीबायोटिक्स दी जा सकती है।

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