मर्दों के लिए आ गया गर्भनिरोधक इंजेक्शन, जानें इस प्रकिया के बारें सबकुछ

7 सालों तक 303 शादीशुदा पुरुषों पर रिसर्च की। इन पुरुषों को ‘Risug’ यानी रिवर्सिबल इनहिबिशन ऑफ स्पर्म इंजेक्शन लगाया गया। रिसर्च के नतीजे में पाया गया कि यह इंजेक्शन 13 सालों तक प्रेग्नेंसी रोकने में 99% कारगर है।

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Male Contraceptive Injection: गर्भनिरोधक के मामले में 4 हजार साल से चली आ रही प्रथा अब बदलने वाली है। दरअसल, अब पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक इंजेक्शन आने वाला है और यह पूरी तरह से सुरक्षित होने के साथ ही बेहद कारगर होगा। इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR ने पुरुषों के लिए इस गर्भनिरोधक इंजेक्शन को मंजूरी दी है। यह इंजेक्शन 99% तक सफल बताया जा रहा है। साथ ही इससे किसी भी तरह का साइड इफेक्ट भी नहीं होता।

जानकारी के मुताबिक, भारतीय वैज्ञानिकों ने पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक इंजेक्शन डेवलप किया है, जिसका असर 13 साल तक रहेगा। इस इंजेक्शन को लगाने के बाद पुरुषों को नसबंदी की जरूरत नहीं होगी। इंजेक्शन का ट्रायल पूरा हो चुका है और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR ) द्वारा इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंप दी गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही इन इंजेक्शन बाजार में में उतारने की अनुमति मिल जाएगी।

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1 इंजेक्शन लगाकर 13 साल तक अनचाही प्रेग्नेंसी से छुटकारा
ICMR ने 7 सालों तक 303 शादीशुदा पुरुषों पर रिसर्च की। इन पुरुषों को ‘Risug’ यानी रिवर्सिबल इनहिबिशन ऑफ स्पर्म इंजेक्शन लगाया गया। रिसर्च के नतीजे में पाया गया कि यह इंजेक्शन 13 सालों तक प्रेग्नेंसी रोकने में 99% कारगर है। इस मामले में यह इंजेक्शन महिलाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले किसी भी गर्भनिरोधक से ज्यादा कारगर है, यानी इसमें अनचाही प्रेग्नेंसी का खतरा सबसे कम है, 1% से भी कम।

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शरीर में कैसे काम करेगा इंजेक्शन
नसबंदी की सर्जरी में जिन दो नसों को काटा जाता है, उन्हीं दो नसों में इस इंजेक्शन को दिया जाएगा। यहीं वो नसें होती हैं जिनमें स्पर्म ट्रैवल करता है। इंजेक्शन देने के बाद स्पर्म टूट जाएगा और गर्भधारण नहीं हो सकेगा। इसके लिए दोनों नसों में 60 एमएल के डोज का एक-एक इंजेक्शन दिया जाएगा।

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गर्भनिरोधक ज्यादा कारगर पुरुषों पर
गर्भनिरोधक गोलियों से लेकर कॉपर टी और महिलाओं की नसबंदी की सफलता दर 94 से 98% है। यानी महिलाएं इन उपायों को अपनाएं तो भी 100 में से 2 से 6 मामलों में महिलाएं अनचाही प्रेग्नेंसी का शिकार होती हैं। महिलाओं पर इस्तेमाल होने वाली कोई भी गर्भनिरोधक तकनीक शत-प्रतिशत कारगर नहीं है। जबकि पुरुषों पर इस्तेमाल होने वाले Risug की सफलता दर इनके मुकाबले ज्यादा है। साथ ही पुरुषों की नसबंदी सिर्फ 20 मिनट में पूरी हो जाती है। जबकि महिलाओं के मामले में यह एक जटिल प्रक्रिया है। बावजूद इसके 97% गर्भनिरोधक उपायों का इस्तेमाल महिलाएं ही करती हैं।

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परिवार नियोजन योजना लागू करने वाला भारत दुनिया का पहला देश फिर भी सबसे ज्यादा जनसंख्या
भारत 1952 में परिवार नियोजन योजना लागू करने वाला दुनिया का पहला देश बना था। इसका मकसद बढ़ती आबादी को रोकना था। लेकिन पिछले दिनों भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन गया। बढ़ती आबादी से चिंतित लोगों ने एक बार फिर जनसंख्या नियंत्रण के कवायदों की वकालत की। इसका एक बड़ा कारण परिवार नियोजन का बोझ सिर्फ महिलाओं के कंधे पर डालना भी हो सकता है। अमेरिका और यूरोपीय देशों में पुरुष नसबंदी की दर 20 से 30% तक है। लेकिन भारत में सिर्फ 0.3% पुरुष ही नसबंदी कराते हैं।

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