आयुर्वेद में इसलिए मना है देर रात शारीरिक संबंध बनाना…

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लाइफस्टाइल डेस्क: जीने के लिए हवा पानी भोजन की जरूरत है वैसे ही एक रिश्ते में सेक्स (शारीरिक संबंध) की भी काफी अहमियत है हालांकि आज भी लोग इसके बारें में भ्रांतियां कई रखते है लेकिन बात करना जरूरी नहीं समझते। आज इस खबर में हम आपको शारीरिक संबंधों से जुड़ी कई बातें आपको बताने वाले है। आपको यकीन हो या नहीं लेकिन आपको बता दें ज्यादातर लोग शारीरिक संबंध रात में करते है लेकिन आयुवर्दे में इसे सही नहीं माना गया है। यहां पढ़िए क्या बताया है…आयुर्वेद में

सेक्शुअल तरल पदार्थ बनने में लगती है काफी ऊर्जा-

आयुर्वेद में माना गया है कि हमारा शरीर 7 मौलिक धातुओं से मिलकर बना है। इनमें से रस धातु रक्त का सफेद भाग होता है और शुक्र धातु सेक्शुअल तरल पदार्थ है। सेक्शुअल तरल बनाने में शरीर को काफी ऊर्जा की जरूरत होती है। रस के और ज्यादा गाढ़े रूप से ओजस बनता है। ओजस नए जीवन का आधार है और नई रचना करने में सक्षम है।

खाली पेट ना करें-

भूखे पेट भी सेक्स नहीं करना चाहिए। जब आप भूखे होते हैं तो वात और पित्त वैसे ही बढ़ा होता है। सेक्स से वात बढ़ता है। इसलिए भूखे पेट सेक्स करने से सिरदर्द, उल्टी और गैस्ट्रिक जैसी समस्याएं हो सकती हैं। सेक्स से पहले ऐसा खानपान चुनें जो रस और शुक्र धातु को पोषित करे। घी, चावल, नारियल जूस और बादाम ऐसे ही फूड्स में आते हैं।

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देर रात ना करें-

देर रात को शारीरिक संबंध करना सही नहीं है। आयुर्वेद में शारीरिक संबंध करने का सही समय सुबह सूर्योदय के बाद लेकिन सुबह 10 बजे से पहले माना गया है । वहीं शाम के वक्त की बात करें तो रात में 10 से 11 के बीच शारीरिक संबंध का अच्छा समय माना जाता है क्योंकि इस वक्त शरीर में सबसे ज्यादा ऊर्जा होती है। जैसा ऊपर बताया गया है ज्यादा ऊर्जा से ओजस गाढे रूप में होता है और इससे आने वाले नए जीवन में कई अच्छी रचनाएं जन्म लेती हैं।

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ठंड में 3 से 5 बार करें-

अगर मौसम की बात की जाए तो सर्दी और वसंत की शुरुआत शारीरिक संबंध के लिए सही मौसम हैं। कुछ फिजिकल कंडिशंस को छोड़कर वसंत और ठंड के मौसम में वीक में 3 से 5 बार शारीरिक संबंध बनाने चाहिए। ऐसा न करने से उनके शरीर में बनने वाले ओजस की बर्बादी होती है। वहीं गर्मी और बरसात में ऊर्जा की कमी होती है लिहाजा इस दौरान हफ्ते में 1 या 2 बार शारीरिक संबंध बनाए जा सकते है।

आयुर्वेद के अनुसार, शारीरिक संबंध करके स्नान करना जरूरी है इसके साथ ही कुछ गर्म सूप भी ले सकते है। तो ये थे आयुर्वेद के अनुसार शारीरिक संबंधों को बनाने और अपने शरीर को स्वस्थ रखने के कुछ टिप्स।

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