भारत में 22 फीसदी लोग कब्ज से परेशान, तेजी से हो रहे हैं इन 5 खतरनाक बीमारियों के शिकार

0
579

दुनिया में दिसंबर का महीना कॉन्सटिपेशन (Constipation Treatment) (कब्ज) अवेअरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है। सुनकर अजीब लग रहा होगा लेकिन ये सच है। अब आप सोच रहे होंगे ऐसा क्यों तो उसका कारण ये है कि कैलिफोर्निया में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. पाल मनिक्कम कहते हैं, “दुनिया की सारी बीमारियों की शुरुआत गट यानी हमारे पेट से होती है। कैंसर की भी। ये सबसे बड़ी, सबसे जरूरी बात है।” इसलिए कॉन्सटिपेशन के बारें में अवेअरनेस फैलना जरुरी है।

अगर हम भारतीयों की बात करें तो इंडियन डाइटिक एसोसिएशन की एक स्टडी के मुताबिक भारत में हर 10 में से 7 व्यक्ति डायजेस्टिव इशुज का सामना कर रहा है, जिसमें कब्ज, डायरिया, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी समस्याएं शामिल हैं।

ये भी पढ़ें: पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने साल 2023 की पसंदीदा फिल्मों की लिस्ट की जारी

2018 के गट हेल्थ सर्वे के मुताबिक भारत में 22% वयस्क कब्ज से पीड़ित हैं, जिनमें से 59% को गंभीर कब्ज की शिकायत है और 27% को कुछ अन्य बीमारियों से जुड़े कब्ज की शिकायत। एक सर्वे और है नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन का जिसमें बताया गया है कि पूरी दुनिया में 21 फीसदी लोग कब्ज से पीड़ित हैं इसमें से 20 फीसदी अर्बन आबादी है, यानी शहरों में रहने वाले लोग।

ये भी पढ़ें: Vijayakanth Passes Away: 71 की उम्र में विजयकांत का निधन, रो पड़ा साउथ सिनेमा

कब्ज़ के कुछ लक्षण ये हैं: 
  • सप्ताह में दो या उससे कम बार मल त्याग
  • मल कठोर, सूखा, ढेलेदार होना
  • मल सामान्य से ज़्यादा बड़ा या छोटे-छोटे टुकड़ों में आना
  • मल त्याग करते समय दर्द या तनाव होना
  • पेट में ऐंठन और दर्द
  • गैस, ब्लॉटिंग, सूजा हुआ पेट
  • मल त्याग के बाद फिर से शौच जाने की ज़रूरत महसूस होना
  • जी मिचलाना और उल्टी होना
कब्ज़ के कुछ और लक्षण ये हैं: 

  • सिरदर्द होना
  • भूख कम होना
  • कमज़ोरी महसूस होना
  • चेहरे पर मुंहासे निकलना
  • काले दाग उत्पन्न होना
  • शौच के बाद भी ऐसा महसूस होना कि मानो पेट साफ़ नहीं हुआ हो
  • मल में रक्त
  • वज़न का घटना

कब्ज से होनी वाली बीमारी
बवासीर- बवासीर आजकल की एक सामान्य समस्या बन गई है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो काफी पीड़ादायक होती है। इसमें गुदा के अंदर या बाहर मस्से बन जाते हैं। ये मस्से कभी अंदर रहते हैं, तो कभी बाहर आ जाते हैं।
एनल फिशर- जब गुदा या गुदा की नलिका में कोई कट या दरार बन जाती है, तो उसे एनल फिशर कहते हैं। यह तब होता है, जब कठोर मल निकलता है।
बाउल ऑब्सट्रक्शन- पेट फूलना, मिचली, उल्टी, भूख न लगना और कब्ज बाउल ऑब्स्ट्रक्शन के मुख्य लक्षण हैं।
फेकल इनकंटीनेंस- लंबे समय तक कब्ज रहने के वजह से भी फेकल इनकंटीनेंस की समस्या हो सकती है।
यूरिनरी रिटेंशन- मूत्राशय का पूरी तरह से खाली न हो पाना, यूरिनरी रिटेंशन होता है।

ये भी पढ़ें: बस में आग, 13 लोग जिंदा जले, बस का रजिस्ट्रेशन एक्सपायर, यहां भी निकला BJP कनेक्शन, देखें VIDEO

कब्ज को ठीक करने का सबसे बेहतरीन उपाय
आपका खान पान ठीक होना चाहिए।  भोजन की क्वालिटी के साथ भोजन का समय। शाम 7 बजे के बाद खाया गया हर फूड नींद की क्वालिटी खराब करता है और कब्ज करता है। रात में हैवी डिनर करके न सोएं। कोशिश करें, शाम 7 बजे से पहले डिनर हो जाए। रात के खाने और नींद के बीच 4 घंटे का गैप रहे।

ये भी पढ़ें:  AI फीचर्स के साथ लॉन्च हुए Samsung Galaxy A-15 और A-25 स्मार्टफोन, जानें क्या है कीमत?

ये खाना कभी न खाएं
हर वो चीज, जो आप सीधे पैकेट खोलकर अपने मुंह में डालते हैं, तो आप पैकेट नहीं फाड़ रहे होते, आप अपने पेट को फाड़ रहे होते हैं। यानी ये सारा रेडीमेड फूड जहर है। इसलिए पैकेज्ड फूड से एकदम तौबा कर लें। ब्रेड, बिस्किट, नमकीन, पॉपकॉर्न या कोई भी चीज, जो सुपर मार्केट में रेडी टू ईट पैकेट में मिल रही है, उससे दूर रहें। रिफाइंड कार्ब यानी मैदे से दूर रहें। समोसा, ब्रेड पकौड़ा, जलेबी, पापड़ी चाट और गोलगप्पे सिर्फ हलवाई की दुकान से खरीदकर खाना खतरनाक नहीं है, घर पर बनाकर खाना भी उतना ही खतरनाक है।

तरल पर्दाथ और भोजन में फाइबर की मात्रा पर्याप्त फल, सब्जियां, नट्स, सीड्स वगैरह आदि खाना आपको कब्ज से बचा सकता है।


हमारे साथ व्हाट्सऐप पर जुड़ने के लिए क्लिक करें (We’re now on WhatsApp, Click to join)


ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैंऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।