क्या थर्ड स्टेज Breast Cancer का इलाज मुमकिन है? इन लक्षणों के दिखते ही तुरंत कराएं चेकअप

अगर जल्दी पता चल जाए (स्टेज I-II) यह सबसे अधिक इलाज योग्य भी है। कैंसर किसी भी रूप में घातक है, लेकिन बात अगर ब्रेस्ट कैंसर की करें तो यह महिलाओं में होने वाला सबसे मुख्य प्रकार का कैंसर है।

0
667

एक्ट्रेस हिना खान की थर्ड स्टेज ब्रेस्ट कैंसर (Hina Khan Breast Cancer) की खबर जब से बाहर आई है तब से गूगल पर ब्रेस्टकैंसर के बारें जानकारी सर्च की जा रही है। भारत में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर प्रमुख कैंसर है, जो सर्वाइकल कैंसर के बाद दूसरे स्थान पर है। अगर जल्दी पता चल जाए (स्टेज I-II) यह सबसे अधिक इलाज योग्य भी है। कैंसर किसी भी रूप में घातक है, लेकिन बात अगर ब्रेस्ट कैंसर की करें तो यह महिलाओं में होने वाला सबसे मुख्य प्रकार का कैंसर है।

चिंताजनक बात यह है कि घातक और आम होने के बावजूद ब्रेस्ट कैंसर के बारे में लोगों में काफी कम जानकारी देखने को मिलती है। यहां तक कि महिलाओं में भी इस बारे में विशेष जागरूकता देखने को नहीं मिलती है, जबकि ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम से बचाव के लिए सही जानकारी का होना आवश्यक है।

मेडिकल वर्ल्ड में की गई रिसर्च बताती है कि ज्यादातर मामलों में ब्रेस्ट कैंसर की मुख्य वजह आनुवंशिकी के अलावा अनियमित जीवनशैली और खान-पान रही है। ऐसे में अगर जीवनशैली को संयमित किया जाए तो काफी हद तक ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। चलिए अब उन बदलावों की बात कर लेते हैं।

ज्यादातर मामलों में ब्रेस्ट कैंसर के प्रमुख कारण
1. अधिक वजन और शरीर में अतिरिक्त वसा भी कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है। दरअसल, अतिरिक्त वसा से शरीर में खतरनाक रसायन उत्पन्न होते हैं, जो शरीर में सूजन और कैंसर का खतरा बढ़ता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने वजन को नियंत्रित रखें।

ये भी पढ़ें: हिना खान को ब्रेस्ट कैंसर, एक्ट्रेस ने फैंस को दिया खास मैसेज, देखें ये तस्वीर

2. अगर आप किसी तरह की हार्मोन थेरेपी ले रही हैं तो यह सुनिश्चित कर लें, वो आपके लिए किसी तरह से नुकसानदेह साबित न हो। असल में हार्मोन थेरेपी में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन जैसे हार्मोन का उपयोग किया जाता है, जिससे स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

3. सेहतमंद रहने के लिए आपके आहार का संतुलित होना बेहद जरूरी है। देखा जाए तो ज्यादातर स्वास्थ्य समस्याएं गलत खान-पान के कारण ही होती हैं, कैंसर भी उनमें से एक है। इसलिए अगर आपको कैंसर के जोखिम को कम करना है तो जंक फूड, फास्ट फूड और स्मोक्ड फूड के स्वाद को छोड़ना पड़ेगा।

4. उम्र के साथ ही ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी बढ़ता है। ऐसे में माना जाता है कि समय पर प्रेग्नेंसी और स्तनपान कराने से महिलाओं में कैंसर का जोखिम काफी कम हो सकता है। वहीं जो महिलाओं बच्चे को जन्म देने के बावजूद स्तनपान नहीं कराती है, उनके लिए इसका जोखिम काफी बढ़ता जाता है। इसके अलावा अधिक उम्र में प्रेग्नेंसी से भी कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

ये भी पढ़ें:  नींबू से समझिए स्तन कैंसर के लक्षणों को

5. धूम्रपान और अल्कोहल के अधिक सेवन शरीर में कैंसर सेल्स के विकसित होने का खतरा बढ़ता है। इसलिए ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए इनका सेवन बंद करना ही बेहतर है।

ब्रेस्ट कैंसर के प्रमुख लक्षण
ब्रेस्‍ट, बगल और कॉलर बोन पर या उसके आस-पास गांठ, सूजन या सूजी हुई लिम्फ नोड्स पर ध्यान दें। हर गांठ कैंसर नहीं हो सकती है, लेकिन एक सिस्ट, ब्लॉक्ड मिल्क ग्लैंड, फोड़ा या फाइब्रो-एडेनोमा (चिकनी, रबड़युक्त और सौम्य गांठ जो छूने पर चलती है) हो सकती है।

ये भी पढ़ें: आदमी को दौड़ने से हुआ ब्रेस्ट कैंसर! कहा…इन लक्षणों को ना करें नजर अंदाज वरना…

  • डिंपल दिखना।
  • ब्रेस्‍ट की त्वचा का मोटा होना, फड़कना, स्केलिंग और मलिनकिरण या चोट लगना।
  • ब्रेस्‍ट क्षेत्र में चकत्ते या जलन।
  • निप्पल से पानी या खूनी निर्वहन।
  • ब्रेस्‍ट के आकार में बदलाव पर ध्यान दें।
  • निप्पल को खींचा हुआ या अंदर की ओर दबा हुआ होना।
  • ब्रेस्ट क्षेत्र में या उसके आस-पास दर्द और कोमलता।
  • बाएं ब्रेस्‍ट में गांठें अधिक सामान्य रूप से विकसित होती हैं।

क्या थर्ड स्टेज Breast Cancer का इलाज मुमकिन है?
एक्सपर्ट बताती हैं की थर्ड स्टेज ब्रेस्ट कैंसर काफी गंभीर होता है,इसका मतलब कैंसर ब्रेस्ट से परे लिम्फ नो़ड्स में फैल गया है। फिर भी इसका इलाज किया जा सकता है। एक्सपर्ट बताती हैं की विज्ञान के क्षेत्र में जिस तरह से तरक्की हुई है चरण 3 स्तर कैंसर का उपचार किया जा सकता है। कई तरीके से इससे निपटा जा सकता है। इसमें सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी और हार्मोन थेरेपी शामिल है।

मेटास्टेटिक ब्रेस्‍ट कैंसर के लक्षण (कैंसर जो शरीर के अन्य भागों में फैल गया है), जिसके बारे में सभी को पता नहीं होता है, इसमें सामान्य कमजोरी, सिरदर्द और बिना किसी प्रशंसनीय कारण के मतली,सांस लेने में परेशानी, पीलिया, त्वचा का पीलापन, सूजन शामिल हो सकते हैं। पेट, वजन कम, आदि याद रखने वाला सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि उपरोक्त लक्षणों और जोखिम कारकों में से एक या अधिक की उपस्थिति में निवारक जांच का अत्यधिक महत्व है।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।