करवाचौथ पर बना शुभ संयोग, शाम 7 से रात 9 बजे के बीच में नजर आएगा चांद

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आज करवा चौथ (karwa chauth) है। महिलाएं अपने पति या प्रेमी के लिए व्रत रखती हैं। रात में चांद की पूजा करने के बाद ये व्रत पूरा करती हैं। खास बात ये है कि इस साल गुरु ग्रह खुद की राशि में है और ये व्रत गुरुवार को ही है। ये शुभ संयोग 1975 के बाद बना है। आज चंद्रमा अपने ही नक्षत्र में रहेगा। करवा चौथ पर रोहिणी नक्षत्र में मौजूद चंद्रमा की पूजा करना शुभ संयोग है।

अब आपको बता देते हैं कि चांद आज अपने दर्शन कब तक दिखाएगा। वैसे मौसम विभाग की जानकारी के मुताबिक, कुछ जगह पर चांद शाम 6 बजे से 7 बजे तक नजर आएगा वहीं कुछ जगह पर 8 से 9 बजे तक पूरे भारत में नजर आ जाएगा।

जानिए करवा चौथ से जुड़ी परंपराए…

करवा चौथ पर चांद की ही पूजा क्यों ?
चंद्रमा औषधियों का स्वामी है। चांद की रोशनी से अमृत मिलता है। इसका असर संवेदनाओं और भावनाओं पर पड़ता है। पुराणों के मुताबिक चंद्रमा प्रेम और पति धर्म का भी प्रतीक है। इसलिए सुहागनें पति की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन में प्रेम की कामना से चंद्रमा की पूजा करती हैं।

पति और चंद्रमा को छलनी से क्यों देखते हैं?
भविष्य पुराण की कथा के मुताबिक चंद्रमा को गणेश जी ने श्राप दिया था। इस कारण चतुर्थी पर चंद्रमा को देखने से दोष लगता है। इससे बचने के लिए चांद को सीधे नहीं देखते और छलनी का इस्तेमाल किया जाता है।

करवे से पानी क्यों पीते हैं ?
इस व्रत में इस्तेमाल होने वाला करवा मिट्टी से बना होता है। आयुर्वेद में मिट्टी के बर्तन के पानी को सेहत के लिए फायदेमंद बताया है। दिनभर निर्जल रहने के बाद मिट्टी के बर्तन के पानी से पेट में ठंडक रहती है। धार्मिक नजरिये से देखा जाए तो करवा पंचतत्वों से बना होता है। इसलिए ये पवित्र होता है।

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