इस बार का करवाचौथ विशेष फलदायी, 100 साल बाद मना शुभयोग

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जैसी की मान्यता है कि करवाचौथ सुहागनों का त्यौहार है। इस दिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। लेकिन इस बार का करवाचौथ सुगाहन स्त्रियों के लिए महासंयोग लेकर आया।

100 साल बाद करवाचौथ का महासंयोग
– करवा चौथ का त्यौहार इस बार बुधवार को मनाया जा रहा है।
– बुधवार को शुभ कार्तिक मास का रोहिणी नक्षत्र है।
– इस दिन चन्द्रमा अपने रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे।
– इस दिन बुध अपनी कन्या राशि में रहेंगे।
– इसी दिन गणेश चतुर्थी और कृष्ण जी की रोहिणी नक्षत्र भी है।
– बुधवार गणेश जी और कृष्ण जी दोनों का दिन है।
– ये अद्भुत संयोग करवाचौथ के व्रत को और भी शुभ फलदायी बना रहा है।
– इस दिन पति की लंबी उम्र के साथ संतान सुख भी मिल सकता है।

करवाचौथ क्यों है इतना खास
कहते हैं जब पांडव वन-वन भटक रहे थे तो भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को इस दिव्य व्रत के बारे बताया था। इसी व्रत के प्रताप से द्रौपदी ने अपने सुहाग की लंबी उम्र का वरदान पाया था।

आइए जानें, इस दिन किन देवी-देवताओं की पूजा की जाती है और इस व्रत से कौन-कौन से वरदान पाए जा सकते हैं….
– करवाचौथ के दिन श्री गणेश, मां गौरी और चंद्रमा की पूजा की जाती है।
– चंद्रमा पूजन से महिलाओं को पति की लंबी उम्र और दांपत्य सुख का वरदान मिलता है।
– विधि-विधान से ये पर्व मनाने से महिलाओं का सौंदर्य भी बढ़ता है।
– करवाचौथ की रात सौभाग्य प्राप्ति के प्रयोग का फल निश्चित ही मिलता है।

करवा चौथ के व्रत के नियम और सावधानियां
ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इस बार करवाचौथ का ये व्रत हर सुहागिन की जिंदगी संवार सकता है, लेकिन इसके लिए इस दिव्य व्रत से जुड़े नियम और सावधानियों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि इस अद्भुत संयोग वाले करवाचौथ के व्रत में क्या करें और क्या ना करें…
– केवल सुहागिनें या जिनका रिश्ता तय हो गया हो वही स्त्रियां ये व्रत रख सकती हैं।
– व्रत रखने वाली स्त्री को काले और सफेद कपड़े कतई नहीं पहनने चाहिए।
– करवाचौथ के दिन लाल और पीले कपड़े पहनना विशेष फलदायी होता है।
– करवाचौथ का व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक रखा जाता है।
– ये व्रत निर्जल या केवल जल ग्रहण करके ही रखना चाहिए।
– इस दिन पूर्ण श्रृंगार और अच्छा भोजन करना चाहिए।
– पत्नी के अस्वस्थ होने की स्थिति में पति भी ये व्रत रख सकते हैं।

करवाचौथ व्रत की उत्तम विधि
आइए जानें, करवाचौथ के व्रत और पूजन की उत्तम विधि के बारे जिसे करने से आपको इस व्रत का 100 गुना फल मिलेगा…
– सूर्योदय से पहले स्नान कर के व्रत रखने का संकल्पत लें। – फिर मिठाई, फल, सेंवई और पूड़ी वगैरह ग्रहण करके व्रत शुरू करें।
– फिर संपूर्ण शिव परिवार और श्रीकृष्ण की स्थापना करें।
– गणेश जी को पीले फूलों की माला, लड्डू और केले चढ़ाएं।
– भगवान शिव और पार्वती को बेलपत्र और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
– श्री कृष्ण को माखन-मिश्री और पेड़े का भोग लगाएं।
– उनके सामने मोगरा या चन्दन की अगरबत्ती और घी का दीपक जलाएं।
– मिटटी के कर्वे पर रोली से स्वस्तिक बनाएं।
– कर्वे में दूध, जल और गुलाबजल मिलाकर रखें और रात को छलनी के प्रयोग से चंद्र दर्शन करें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें।
– इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार जरूर करें, इससे सौंदर्य बढ़ता है।
– इस दिन करवा चौथ की कथा कहनी या फिर सुननी चाहिए।
– कथा सुनने के बाद अपने घर के सभी बड़ों का चरण स्पर्श करना चाहिए।
– फिर पति के पैरों को छूते हुए उनका आर्शिवाद लें।
– पति को प्रसाद देकर भोजन कराएं और बाद में खुद भी भोजन करें।

करवा चौथ में चंद्र उदय का मुहूर्त
दिल्ली में रात 8:29 बजे
चंडीगढ़ में रात 8:46 बजे
जयपुर में रात 8:58 बजे
जोधपुर में रात 9:10 बजे
मुंबई में रात 9:22 बजे
बंगलुरु में रात 9:12 बजे
हैदराबाद में 9:22 बजे
देहरादून में रात 8:44
पटियाला और लुधियाना में रात 8:50 बजे
पटना में रात 8:46 बजे
लखनऊ और वाराणसी में रात 8:37 बजे और
कोलकाता में रात 8:13 बजे होंगे चंद्रमा के दर्शन.