नवरात्रि : जानिए किसने की थी वैष्णो देवी की खोज?

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नवरात्रि में वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए देशभर से हजारों-लाखों की संख्या में जम्मू जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि वैष्णो देवी की प्राकृतिक गुफा की खोज किस व्यक्ति ने की थी? शायद नहीं, आइए आज हम आपको बताते हैं कि वैष्णो देवी की प्राकृतिक गुफा इतनी ऊंचे पहाड़ों पर कैसे इस भक्त को मिली और कौन है ये शख्स?

वैष्णो देवी का इतिहास
स्थानीय लोगों के मुताबिक मां वैष्णो देवी ने कन्या रूप में सबसे पहले पंडित श्रीधर को दर्शन देकर प्राकृतिक पिंडियों के बारे में जानकारी दी थी। लंबे समय तक स्थानीय लोग पंडित श्रीधर के नाम को यात्रा से जोड़ने की मांग करती रही। लेकिन हर किसी को इस मामले में निराशा ही मिली। इसके चलते मां के परम भक्त का नाम इतिहास के पन्नों में खो गया है। वर्ष 1986 से पहले इस नाम का इतना अधिक महत्व था कि किसी भी नए निर्माण अथवा स्थान के नाम से पंडित श्रीधर जरूर जोड़ा जाता था। जबकि श्री माता वैष्णो देवी साइन बोर्ड के गठन के उपरांत पंडित श्रीधर का नाम इतिहास के पन्नों में खोता गया।

मौजूदा समय में हालात ऐसे हैं कि वैष्णो देवी के परम भक्त और प्राकृतिक गुफा व पिंडियों की खोज करने वाले पंडित श्रीधर के बारे में अगर दर्शन के लिए आने वाले किसी भी श्रद्धालु को पूछा जाए तो जवाब यही मिलेगा कि वह इस नाम के व्यक्ति के बारे में कुछ नहीं जानता।

क्या है स्थानीय लोगों का कहना?
श्रीधर विकास मंच के सदस्यों का कहना है कि साइन बोर्ड का गठन ही धार्मिक स्थलों के विकास और ऐतिहासिक जानकारी मुहैया करवाना है। लिहाजा बोर्ड का दायित्व बनता है कि वह धार्मिक स्थलों के विकास के साथ प्राचीन प्रथाओं को भी जीवित रखे। मंच के सदस्यों का कहना है कि मुख्य बस अड्डे पर उनकी प्रतिमा बनाने की लंबे समय से मांग की जा रही है। ताकि दर्शन के लिए आने वाले हर श्रद्धालु को इस परम भक्त की जानकारी मिल सके।