Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया के मौके पर बनेंगे 2 शुभ योग, खुलेगी इन 3 राशियों की किस्मत

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अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2025) के दिन यानी कि 30 अप्रैल को 2 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। जिसमें एक है गजकेसरी योग और दूसरा है मालव्य योग। ये दोनों ही शुभ योग राशियों के लिए बेहद ख़ास सिद्ध होंगे क्यूंकि इनके प्रभाव से कुछ राशियों को विशेष तौर पर लाभ मिलने वाला है, जिसके चलते अक्षय तृतीया की तिथि इन राशियों के लिए लकी साबित हो सकती है।

वृषभ राशि: अक्षय तृतीया के दिन चंद्रमा और गुरु दोनों ही वृषभ राशि में विराजमान रहेंगे, इसलिए वृषभ राशि के जातकों के लिए गजकेसरी योग बेहद शुभ साबित होने वाला है। यह योग आपके लिए धन और संपत्ति में वृद्धि के प्रबल योग बना रहा है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और आय के नए स्रोत खुल सकते हैं। रुका हुआ धन वापस मिल सकता है। आपके व्यक्तित्व में आकर्षण बढ़ेगा और आप लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहेंगे। सौंदर्य और कला के प्रति आपका रुझान बढ़ेगा।

धनु राशि: अक्षय तृतीया 2025 धनु राशि के जातकों के लिए कई सकारात्मक और लाभकारी अवसर लेकर आ सकती है। अक्षय तृतीया के दिन चंद्रमा और गुरु की युति वृषभ राशि में हो रही है। धनु राशि से यह युति छठे भाव में घटित होगी। ज्योतिष में छठा भाव रोग, शत्रु, और प्रतिस्पर्धा का भाव माना जाता है। इस भाव में गजकेसरी योग बनने से धनु राशि के जातकों को जीवन में कोई शत्रु या विरोधी हैं, तो उन पर विजय प्राप्त करने में सफलता मिल सकती है। आपके पारिवारिक जीवन में सुख और शांति बनी रहेगी। माता के साथ संबंध मधुर होंगे और परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और सहयोग बढ़ेगा।

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कुंभ राशि: अक्षय तृतीया 2025 कुंभ राशि के जातकों के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आ सकती है। अक्षय तृतीया के दिन चंद्रमा और गुरु की युति वृषभ राशि में हो रही है। कुंभ राशि से यह युति चौथे भाव में घटित होगी। ज्योतिष में चौथा भाव सुख, संपत्ति, माता और वाहन का प्रतिनिधित्व करता है। पारिवारिक जीवन में सुख और शांति बनी रहेगी। माता के साथ संबंध और भी मजबूत होंगे और घर में खुशनुमा माहौल रहेगा। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और धन प्राप्ति के नए अवसर मिल सकते हैं। रुका हुआ धन वापस मिलने की संभावना है। परिवार के सदस्यों के साथ आपके संबंध सौहार्दपूर्ण रहेंगे।

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क्या है मालव्य योग?
मालव्य योग भी अक्षय तृतीया के दिन तिथि आरंभ से लेकर समापन तक रहेगा क्योंकि शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में स्थित रहेंगे। मालव्य योग पंचमहापुरुष योगों में से एक है और इसे अत्यंत शुभ माना जाता है। यह योग तब बनता है जब शुक्र अपनी स्वराशि वृषभ या तुला या उच्च राशि मीन में लग्न या केंद्र भाव प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, दशम में स्थित होता है। मालव्य योग के प्रभाव से व्यक्ति को भौतिक सुख-सुविधाएं, वाहन, आभूषण, और सौंदर्य संबंधी वस्तुओं की प्राप्ति होती है। यह योग जीवन में आकर्षण, कलात्मक क्षमता और आनंद लाता है।

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क्या है गजकेसरी योग?
गजकेसरी योग अक्षय तृतीया के दिन तिथि आरंभ से लेकर समापन तक रहेगा क्योंकि चंद्रमा और गुरु दोनों ही वृषभ राशि में विराजमान रहेंगे। तिष में गजकेसरी योग को बहुत ही शुभ माना जाता है। यह योग तब बनता है जब चंद्रमा और बृहस्पति एक-दूसरे से केंद्र भाव में स्थित होते हैं। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति को धन, समृद्धि, बुद्धि, और यश की प्राप्ति होती है। यह योग नए कार्यों की शुरुआत, निवेश और महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इस योग में किए गए कार्य में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

ध्यान दें- इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। 

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