दुनिया में 4 करोड़ से ज्यादा लोग अब भी गुलाम, जानिए इस मामले में भारत का नम्बर कौनसा?

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अमेरिका: दुनियाभर में 2018 में 40.3 मिलियन यानी 4 करोड़ लोग आज भी गुलामों जैसी स्थिति में काम कर रहे हैं। इनमें ज्यादातर संख्या महिलाओं की हैं। इसका खुलासा हुआ हाल ही में जारी हुई वॉक फ्री संगठन की रिपोर्ट में। रिपोर्ट के मुताबिक, आधुनिक समय में गुलामी का ज्यादा इस्तेमाल कंपनियों में उत्पाद तैयार करने में होता है।

वॉक फ्री की ग्लोबल रिसर्च की मैनेजर कैथरीन ब्रायंट ने क्वार्ट्ज वेबसाइट को बताया कि सप्लाई चैन में दुनियाभर में करीब 1.6 करोड़ पीड़ित गुलाम की तरह काम कर रहे हैं।

इस रिपोर्ट पर विशेषज्ञों का कहना है कि 19वीं सदी के समापन के साथ भी गुलामी खत्म नहीं हुई, सिर्फ इसका स्वरूप बदला है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के मुताबिक, दुनिया में 15.2 करोड़ बच्चे बाल श्रम करने पर मजबूर हैं।

183 में से 40 से कम देशों ने गुलाम जैसी मजदूरी कराने से रोकने के लिए सर्वे किया। लेकिन उन्होंने पाया कि बेहतर सिस्टम और कानून होने के बावजूद वह इसमें असफल हैं। बड़ी संख्या में इन देशों में उत्पादन के नाम पर मजदूरों से गुलामी और श्रम शोषण कराया जा रहा है।

आधुनिक समय में गुलामी की कोई आधिकारिक परिभाषा नहीं है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, जो लोग किसी दबाव में या किसी दंड स्वरूप काम करते हैं, गुलामी कहलाती है। संगठन और इसके सदस्य मानव तस्करी, जबरन मजदूरी, बाल श्रम और गुलामी को 2030 तक खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में वस्तुओं की सप्लाई से यह सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण है कि कोई उत्पाद गुलाम-श्रम से मुक्त है। फैशन और टेक कंपनियों में जबरन मजदूरी ज्यादा होती है। अमेरिका बड़ी संख्या में ऐसे उत्पादों की सप्लाई करता है, जिसे गुलाम मजदूरों द्वारा तैयार किए जाता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि मजदूरों का शोषण बढ़ता जा रहा है। इसे रोकना काफी मुश्किल है। इसके विस्तार का सबसे बड़ा कारण शिक्षा की कमी है। हमने ऐसे बहुत सारे मामले देखें है, जिसमें लोगों का शोषण हो रहा है, लेकिन उन्हें इसका एहसास तक नहीं होता है। हालांकि इस रिपोर्ट में किसी देश का नाम नहीं दिया है कि कहां कितने लोग गुलाम बनकर काम कर रहे हैं, लेकिन भारत की जमीनी सच्चाई किसी से नहीं छुपी। भले ही आकंड़े कुछ दावा करें या न करें लेकिन हकीकत बहुत कुछ कहती है।

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