श्रीलंका 1948 में ब्रिटेन से आजाद होने के बाद सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने एक गजट जारी करते हुए एक अप्रैल से इमरजेंसी लागू करने का ऐलान कर दिया है। यहां की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो चुकी है।श्रीलंका में गहराती आर्थिक समस्या को लेकर लोग सड़क पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। आदेश में कहा गया है कि देश की सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के रखरखाव के लिए ये फैसला लिया गया है।
श्रीलंका में फ्यूल और गैस की कमी हो गई है। हालात पेट्रोल-डीजल के लिए लोगों को कई घंटों तक लाइन में लगाना पड़ रहा है। एजुकेशनल बोर्ड के पास कागज और स्याही खत्म हो गई है, जिसके बाद परीक्षा अनिश्चितकाल के लिए टाल दी गई हैं। श्रीलंका में गुरुवार की शाम डीजल नहीं था, जिससे परिवहन ठप हो गया।
वहीं खबर है कि भारत ने श्रीलंका को 1 बिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन दी है। इसके तहत 40,000 टन डीजल ले जाने वाला एक जहाज श्रीलंका पहुंच गया है। ईंधन आज शाम पूरे देश में बांटा जाएगा। वहीं बात करें राशन साम्रगी तो एक अनुमान के मुताबिक, चावल-500 रू किलो, सिलेंडर-4119 रू, मिल्क पाउडर-700 रू, चीनी-290 रू आदि के भाव से बढ़ रही है।
बिजली भी कट-
श्रीलंका में लोगों को 13-13 घंटे तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ा रहा है। देश के ऊर्जा मंत्री ने सड़कों की लाइट बंद करने के निर्देश पहले ही दे दिए हैं, ताकि बिजली की बचत की जा सके। इतना ही कोलंबो स्टॉक एक्सचेंज ने पॉवर कट की वजह से ट्रेडिंग का समय एक हफ्ते के लिए 2 घंटे कम कर दिया है।
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