जानिए क्यों 56 मिनट पहले टाली गई चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग

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हरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग अंतिम वक्त पर टाल दी। यह मिशन सोमवार रात 2.51 बजे लॉन्च होना था, लेकिन इससे कुछ देर पहले लॉन्चिंग व्हीकल सिस्टम में तकनीकी खराबी का पता चला। मिशन की शुरुआत से करीब 56 मिनट इसरो ने ट्वीट कर लॉन्चिंग आगे बढ़ाने का ऐलान कर दिया।

इसरो के एसोसिएट डायरेक्टर बीआर गुरुप्रसाद ने बताया कि जल्द ही प्रक्षेपण की नई तारीखें तय की जाएंगी। चंद्रयान मिशन को देखने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी रात को श्रीहरिकोटा में थे। इसरो चंद्रयान-2 को पहले अक्टूबर 2018 में लॉन्च करने वाला था।

बाद में इसकी तारीख बढ़ाकर 3 जनवरी और फिर 31 जनवरी कर दी गई। लेकिन कुछ अन्य कारणों से इसे 15 जुलाई तक टाल दिया गया। इस दौरान बदलावों की वजह से चंद्रयान-2 का भार भी पहले से बढ़ गया। ऐसे में जीएसएलवी मार्क-3 में भी कुछ बदलाव किए गए थे।

इसरो के लिए ये अभियान कई मायनों में अहम है। जैसे कि इसरो के अनुसार चंद्रयान 2 भारतीय मून मिशन है जो पूरी हिम्‍मत से चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंचा है यानी कि चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र। इसका मकसद, चंद्रमा के प्रति जानकारी जुटाना।

ऐसी खोज करना जिनसे भारत के साथ ही पूरी मानवता को फायदा होगा। इन परीक्षणों और अनुभवों के आधार पर ही भावी चंद्र अभियानों की तैयारी में जरूरी बड़े बदलाव लाए जाएंगे। ताकि आने वाले दौर के चंद्र अभियानों में अपनाई जाने वाली नई टेक्नोलॉजी को बनाने और उन्हें तय करने में मदद मिले।

क्या हो सकती है खराबी-
क्रायोजेनिक इंजन में लिक्विड हाइड्रोजन भरते समय सही तापमान या दबाव का न होना। क्योंकि जिस समय काउंटडाउन रोका गया उससे ठीक पहले लिक्विड हाइड्रोजन भरने का काम पूरा हुआ था। या रॉकेट जीएसएलवी-एमके3 की बैटरी में दिक्कत हो सकती है।

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