निपाह वायरस से बचना है तो इन फलों को भूलकर भी न खाएं

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देशभर में निपाह वायरस के बचने के लिए सरकार ने एडवाइजरी जारी कर लोगों को सावधान रहने की चेतावनी दी है। सरकार ने केरल से आने वाले लोगों की अलग से जांच के आदेश दिए है। अबतक इस वायरस से मरने वालों की संख्या लगभग 15 हो चुकी है। वहीं इसका असर कर्नाटक, राजस्थान, दिल्ली, चड़ीगढ़, हरियाणा, हिमाचल आदि राज्यों में देखने को मिला है।

निपाह वायरस का फैलने का सबसे बड़ा कारण स्वास्थ्य विभाग ने फलों को बताया है। स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर प्रदेश में निर्देश जारी किए हैं। इनमें कहा गया है कि पेड़ से गिरे हुए, कटे या फटे फलों को खाने से निपाह वायरस का खतरा हो सकता है। फलों को निपाह वायरस से पीड़ित चमगादड़ द्वारा चाटा या खाया गया हो सकता है। इसके साथ ही फलों पर पाएं जाने वाले छोटे छेद, हल्का कटा-गला आदि होने पर भी इसे ना खाने की चेतावनी दी है।

किन फलों से फैलता है निपाह वायरस-
हालांकि खजूर को लेकर सरकार ने अलर्ट जारी किया है और इसे ना खाने की सलाह दी है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने सभी रसदार, खुशबूदार फलों से दूर रहने की सलाह दी है। विभाग का कहना है कि केला, सेब, आम आदि गर्मी के मौसम में ज्यादा चलन में है इसलिए इन फलों से सावधानी बरतें। इसके अलावा वे सभी फल जो चमगादड़ खाते है। इसके साथ खुले में रखा पानी का सेवन आदि पर स्वास्थय विभाग ने सावधानी बरतने को कहा है।

दिमाग पर करता है अटैक
निपाह वायरस सबसे पहले व्यक्ति के दिमाग पर असर डालता है। इस वायरस की चपेट में आने वाले व्यक्ति के दिमाग में सूजन हो जाती है। इसके बाद यह छाती में संक्रमण पैदा करता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो जाती है। इससे व्यक्ति बेसुद होना शुरू हो जाता है।

बचाव के उपाय-
वैसे तो इस वायरस को रोकने का कोई उपाय नहीं है लेकिन अगर शुरू से सावधानी बरती जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है। इस वायरस से बचने के लिए ये करें-
– घर पर आने वाले फलों को पोटाश वाले पानी से धोएं
– कटे-फटे फल ना खाएं
– पशुओं से दूरी बनाकर रखें
– शरीर में किसी तरह का बदलाव महसूस करें तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
– चमगादड़ों की लार या पेशाब के संपर्क में न आएं।
-खासकर पेड़ से गिरे फलों को खाने से बचें।
-संक्रमित सुअर और इंसानों के संपर्क में न आएं।
-जिन इलाकों में निपाह वायरस फैल गया है वहां न जाएं।
व्यक्ति और पशुओं के पीने के पानी की टंकियों सहित बर्तनों को ढककर
-बाजार में कटे और खुले फल न खाएं।
-संक्रमित पशु के संपर्क में न आएं। खासकर सुअर के संपर्क में आने से बचें।
-सभी विभागों को अलर्ट रहने को कहा गया है। स्कूलों में बच्चों को निपाह वायरस से बचाव को लेकर जागरूक करने को कहा है। कटे-फटे फलों से निपाह वायरस का खतरा अधिक है।

आपको बताते चले निपाह वायरस के बाद से वन विभाग चमगाडड़ो की संख्या पर सर्वे करा सकता है। चमगादड़ ऐसे जानवरों में से है जिसकी संख्या का कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।

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