लैब से लीक नहीं हुआ कोरोनावायरस, वैज्ञानिकों ने किया बड़ा खुलासा

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कोरोनावायरस (COVID-19) 23 मार्च 2020 तक दुनिया भर में करीब 343,414 लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। जबकि यह वायरस 14 हजार से भी ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। इन सबके बीच सबसे अच्छी बात यही है कि लगभग 99 हजार से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं।

भारत में भी 425 लोग इस संक्रमण का शिकार बन चुके हैं। जिनमें से 24 ठीक हो चुके हैं। जबकि यह अब तक आठ लोगों की जान जा चुकी है। कोविड 19 को लेकर एक शोध जारी हुआ है। जोकि अध्ययन जर्नल नेचर मेडिसिन में प्रकाशित हुई है।

कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर में सबसे पहले पाया गया था। आज दुनिया भर के करीब 192 देशों में फैल चुका है। इस वायरस के चरम प्रकोप के बीच खबर आई कि ये वायरस को लैब में बनाया गया है। पर हाल ही में वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि यह वायरस किसी लैब में नहीं बनाया गया। बल्कि प्राकृतिक रूप से तैयार हुआ है।

रिपोर्ट में कहा गया कि वैज्ञानिकों द्वारा सार्स-कोव-2 और उससे सम्बन्ध रखने वाले वायरस के जीनोम सिक्वेंसिंग का अध्ययन किया है। जिससे प्राप्त डेटा और उसके विश्लेषण से इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि यह वायरस प्रयोगशाला में बनाया गया था।

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इस शोध से जुड़े वैज्ञानिक क्रिस्चियन एंडरसन, जोकि स्क्रिप्स रिसर्च में इम्यूनोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर भी हैं ने बताया कि “अभी तक कोविद-19 और उससे सम्बंधित वायरस के जीनोम सिक्वेंसिंग डेटा के विश्लेषण के बाद हम निश्चित तौर पर कह सकते है कि इस वायरस ‘सार्स-कोव-2’ को कृत्रिम रूप से नहीं बनाया गया है।

यह वायरस प्राकृतिक प्रक्रियाओं के माध्यम से उत्पन्न हुआ है।” गौरतलब है कि कोरोना वायरस एक खतरनाक वायरस परिवार का हिस्सा है। जो व्यापक रूप से फैल सकता है और गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इससे जुडी पहली महामारी 2003 में सार्स के रूप में चीन से ही फैली थी। जबकि 2012 में दूसरी बार सऊदी अरब से मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (मर्स) के रूप में इस गंभीर बीमारी का प्रकोप शुरू हुआ था।

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