नई दिल्ली: चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के लॉन्च के बाद इसरो (ISRO) ने अपने नए मिशन की जानकारी दी है। इसरो साल 2020 में अपना मिशन सूर्य पूरा करेगी। इसका नाम आदित्य-एल1 होगा। सोमवार को न्यूज एजेंसी ने इसरो के हवाले से बताया कि इसे 2020 के मध्य तक लॉन्च करने की योजना है। इसका मकसद यह पता लगाना है कि सूर्य के सतह के तापमान 6000 कैलविन से कोरोना का तापमान 300 गुना ज्यादा क्यों है। जबकि कोरोना इससे काफी ऊपर है।
इसरो ने अपनी वेबसाइट पर इस मिशन से संबंधित जानकारी साझा की है। सूर्य की इस बाहरी परत को तेजोमंडल कहते हैं, जो हजारों किमी तक फैली है।
क्या करेगा आदित्य-एल1
जानकारी के मुताबिक, आदित्य-एल1 पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी की दूरी पर स्थित होगा। वहां से यह हमेशा सूर्य की ओर देखेगा। सूर्य की इस बाहरी परत ‘तेजोमंडल’ का विश्लेषण देगा। इसका क्लाइमेट चेंज पर इसका खासा प्रभाव है। आदित्य-एल1, सूर्य के फोटोस्फेयर, क्रोमोस्फेयर और तेजोमंडल का अध्ययन कर सकता है। यह सूर्य से निकलने वाले विस्फोटक कणों का अध्ययन भी किया जाएगा। इसरो के अनुसार यह कण पृथ्वी के नीचे वाले ऑरबिट में किसी काम के नहीं होते। इन्हें पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से बाहर रखने की जरूरत है।
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