विश्व डेस्क: कोरोना महामारी से अभी दुनिया लड़ना ही सीख रही थी कि अचानक एक और वायरस ने आकर परेशानी में डाल दिया है। यहां बात हो रही है दुनिया में तेजी से फैलने वाले मंकीपॉक्स वायरस की। यह बीमारी महज 15 दिन के अंदर 15 देशों में फैल गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि किसी भी देश में इस बीमारी का एक मामला भी आउटब्रेक माना जाएगा।
दूसरी तरफ, भारत भी मंकीपॉक्स को तेजी से फैलता देख अलर्ट हो गया है। शनिवार को केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि प्रभावित देशों से लौट रहे यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी। साथ ही लक्षण दिखने पर उन्हें तुरंत आइसोलेट किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एयरपोर्ट्स और बंदरगाहों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मंकीपॉक्स प्रभावित देशों की यात्रा करके लौटे किसी भी बीमार यात्री को तुरंत आइसोलेट करें और सैंपल जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) को भेजें। आपको बता दें, शुक्रवार को बेल्जियम मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए 21 दिन का क्वारैंटाइन पीरियड कंपलसरी करने वाला पहला देश बन गया।
क्या है मंकीपॉक्स के लक्षण-
मंकीपॉक्स के लक्षण संक्रमण के 5वें दिन से 21वें दिन तक आ सकते हैं। शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इनमें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। इसके बाद चेहरे पर मवाद से भरे दाने उभरने लगते हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाते हैं और कुछ दिन बाद सूखकर गिर जाते हैं।
क्या है मंकीपॉक्स, कैसे फैलता है?
- मंकीपॉक्स एक वायरल इन्फेक्शन है, जो पहली बार 1958 में कैद किए गए बंदर में पाया गया था। 1970 में पहली बार इंसान में इसके संक्रमण के पुष्टि हुई थी। इसका वायरस चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है।
- मंकीपॉक्स का संक्रमण आंख, नाक और मुंह के जरिए फैल सकता है। यह मरीज के कपड़े, बर्तन और बिस्तर को छूने से भी फैलता है। इसके अलावा बंदर, चूहे, गिलहरी जैसे जानवरों के काटने से या उनके खून और बॉडी फ्लुइड्स को छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है।
इन देशों में फैला मंकीपॉक्स-
ब्रिटेन, अमेरिका, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, बेल्जियम, नीदरलैंड्स, इजराइल, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड में मंकीपॉक्स के केस सामने आए हैं। केवल 2 हफ्तों में ही मामलों की संख्या 100 के पार जा चुकी है। हालांकि, इस बीमारी से अब तक एक भी मौत नहीं हुई है।ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुक, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।