RBI ने किए रेपो रेट में बड़े बदलाव, जानें अब क्या-क्या हुआ मंहगा

इससे रेपो रेट 4.90% से बढ़कर 5.40% हो गई है। यानी होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा होने वाला है और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी।

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नई दिल्ली: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने तीन दिन तक एमपीसी की बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा कि है कि रेपो रेट (Repo Rate) को 50 बेसिस प्वाइंट तक बढ़ाया जाएगा। इससे रेपो रेट 4.90% से बढ़कर 5.40% हो गई है। यानी होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा होने वाला है और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी।

शक्तिकांत दास ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था स्वाभाविक रूप से वैश्विक आर्थिक स्थिति से प्रभावित हुई है। हम उच्च मुद्रास्फीति की समस्या से जूझ रहे हैं। हमने वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान 3 अगस्त तक 13.3 अरब अमेरिकी डॉलर के बड़े पोर्टफोलियो का प्रवाह देखा है।

उन्होंने कहा, ‘RBI ने तत्काल प्रभाव से रेपो रेट 50 BPS बढ़ाकर 5.4% कर दिया है। 2022-23 के लिए रियल GDP विकास अनुमान 7.2% है जिसमें Q1- 16.2%, Q2- 6.2%, Q3 -4.1% और Q4- 4% व्यापक रूप से संतुलित जोखिमों के साथ होगा। 2023-24 के पहले तिमाही (Q1) में रियल GDP वृद्धि 6.7% अनुमानित है। आरबीआई गवर्नर बोले, ‘2022-23 में मुद्रास्फीति 6.7% रहने का अनुमान है। 2023-24 के पहले तिमाही के लिए CPI मुद्रास्फीति 5% अनुमानित है।

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क्या पहले से चल रहे लोन पर भी बढ़ेगी EMI
होम लोन की ब्याज दरें 2 तरह से होती हैं पहली फ्लोटर और दूसरी फ्लेक्सिबल। फ्लोटर में आपके लोन कि ब्याज दर शुरू से आखिर तक एक जैसी रहती है। इस पर रेपो रेट में बदलाव का कोई फर्क नहीं पड़ता। वहीं फ्लेक्सिबल ब्याज दर लेने पर रेपो रेट में बदलाव का आपके लोन की ब्याज दर पर भी फर्क पड़ता है। ऐसे में अगर आपने पहले से फ्लेक्सिबल ब्याज दर पर लोन ले रखा है तो आपके लोन की ईएमआई भी बढ़ जाएगी।

अगर आपने भी लोन लिया है तो जानें अब कितना ज्यादा ब्याज और किस्त देनी होगी 

20 लाख के लोन पर 

लोन अमाउंट (रु. में) अवधि ब्याज दर (% में) किस्त (EMI रु. में) कुल ब्याज (रु. में) कुल रकम जो चुकानी होगी (रु. में)
20 लाख 20 साल 7.55 16,173 18.81 लाख 38.81 लाख
20 लाख 20 साल 8.05 16,791 20.29 लाख 40.29 लाख


30 लाख के लोन पर 

लोन अमाउंट (रु. में) अवधि ब्याज दर (% में) किस्त (EMI रु. में) कुल ब्याज (रु. में) कुल रकम जो चुकानी होगी (रु. में)
30 लाख 20 साल 7.55 24,260 28.22 लाख 58.22 लाख
30 लाख 20 साल 8.05 25,187 30.44 लाख 60.44 लाख

यह लगातार तीसरा हाइक है। इसके पहले आरबीआई मई और जून में कुल मिलाकर 0.90 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका था। यानी कि पिछले चार महीनों में रेपो रेट में 1.4% की बढ़ोतरी हो चुकी है। कहा जा रहा था कि हाई इंफ्लेशन रेट को काबू में करने के लिए आरबीआई रेपो रेट को 25 से 50 बेसिस पॉइंट तक बढ़ा सकती है।

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गवर्नर ने यह भी कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने मुद्रास्फीति पर काबू के लिए नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाते मंदी का जोखिम जताया है।

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