नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 2018 में हुई बाघों की गणना के आंकड़े जारी किए। उन्होंने कहा कि आज गर्व के साथ कह सकते हैं कि भारत में करीब 3 हज़ार टाइगर हैं। हम दुनिया में उनके सबसे बड़े और सुरक्षित निवास स्थानों में से एक हैं।
नए आंकड़ों के मुताबिक, देश में बाघों की संख्या 2967 पहुंच गई हैं। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन 2018 जारी किया। इसके मुताबिक 2014 के मुकाबले बाघों की संख्या में 741 बढ़ोत्तरी हुई है।
इससे पहले सेंसस 2014 में देश में बाघों की संख्या 2226 सामने आई थी। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यट ऑफ इंडिया ने पिछले साल देशभर के टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क, अभ्यारण्य और सामान्य वन मंडलों में 28 पैरामीटर पर बाघों की गणना की।
मोदी ने कहा कि 9 साल पहले सेंट पीट्सबर्ग के सम्मेलन में 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन हमने इसे बीते चार साल में ही हासिल कर लिया। देश में टाइगर और संरक्षित इलाकों की संख्या बढ़ने का असर रोजगार पर भी पड़ता है। मैंने पिछले दिनों पढ़ा था कि रणथंबौर में बाघ देखने के लिए हजारों टूरिस्ट पहुंचते हैं। बाघों के लिए सरकार इंफ्रास्ट्रक्टर बढ़ा रही है।
उन्होंने बताया कि 2014 में भारत में Protected Areas की संख्या 692 थी जो 2019 में बढ़कर अब 860 से ज्यादा हो गई है। साथ ही Community Reserve की संख्या भी साल 2014 के 43 से बढ़कर अब सौ से ज्यादा हो गई है।
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पीएम मोदी ने कहा कि आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि भारत करीब 3 हज़ार टाइगर्स के साथ दुनिया के सबसे बड़े और सबसे सुरक्षित Habitats में से एक है, लेकिन हमें सहअस्तित्व को भी स्वीकारना होगा और सहयात्रा के महत्व को भी समझना होगा। बीते पाँच वर्षों में जहां देश में Next generation Infrastructure के लिए तेजी से कार्य हुआ है, वहीं भारत में Forest Cover भी बढ़ रहा है।देश में Protected Areas की संख्या में भी वृद्धि हुई है।
12 साल में ऐसे बढ़ते गए टाइगर
साल | बाघों की संख्या |
2018 | 3000 |
2014 | 2226 |
2010 | 1706 |
2006 | 1411 |
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