हर किरदार को परदे पर जी कर विनोद खन्ना नहीं रहे, यहाँ दे सकते है श्रदांजलि

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मुंबई। विनोद खन्ना (70) का गुरुवार को गिरगांव के एचएन रिलायंस फाउंडेशन एंड रिसर्च सेंटर में निधन हो गया । बताया जाता है कि वे कैंसर से जूझ रहे थे। पिछले ढाई महीने से अस्पताल में भर्ती थे। अप्रैल की शुरुआत में उनकी एक फोटो भी सामने आई थी। इसमें वे बेहद कमजोर नजर आ रहे थे। 144 फिल्मों में काम कर चुके खन्ना पंजाब के गुरदासपुर से बीजेपी सांसद थे।
बता दें कि खन्ना 2015 में शाहरुख-काजोल स्टारर दिलवाले के बाद फिल्मों में नजर नहीं आए। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि बीजेपी सांसद खन्ना ने अपने संसदीय क्षेत्र पंजाब के गुरदासपुर में कुछ महीने पहले कहा था कि उन्हें 2010 से कैंसर था। इसी वजह से वे पब्लिक लाइफ में एक्टिव नहीं थे। यह भी कहा जाता है कि बेटी श्रद्धा को धक्का ना लगे, इसके लिए विनोद और उनकी दूसरी पत्नी कविता ने कैंसर की बात को लंबे वक्त तक सीक्रेट रखा। विनोद के परिवार में पहली पत्नी गीतांजलि और बेटे राहुल-अक्षय हैं। दूसरी पत्नी कविता, बेटा साक्षी और बेटी श्रद्धा हैं।
बता दें कि विनोद खन्ना 6 अक्टूबर, 1946 को पाकिस्तान के पेशावर में जन्मे। बंटवारे के बाद उनका परिवार मुंबई में बस गया। पिता टेक्सटाइल बिजनेसमैन थे, लेकिन विनोद साइंस के स्टूडेंट रहे और पढाई के बाद इंजीनियर बनने का सपना देखा करते थे। पिता चाहते थे कि वे कॉमर्स लें और पढ़ाई के बाद घर के बिजनेस से जुड़ें। स्कूलिंग के बाद पिता ने उनका एडमिशन एक कॉमर्स कॉलेज में भी करा दिया था, लेकिन विनोद का पढ़ाई में मन नहीं लगा।

विनोद की सुनील दत्त से एक पार्टी में मुलाकात हुई थी। उस वक्त सुनील के छोटे भाई सोम दत्त अपने होम प्रोडक्शन में ‘मन का मीतÓ बना रहे थे। इसमें सुनील दत्त को अपने भाई के किरदार के लिए किसी नए एक्टर की तलाश थी। विनोद खन्ना की पर्सनैलिटी, ऊंची कद-काठी को देखकर सुनील दत्त ने उन्हें वह रोल ऑफर किया। यह फिल्म 1968 में रिलीज हुई और बॉलीवुड में विनोद खन्ना की एंट्री हुई।

पिता ने तान दी थी बंदूक –

जब विनोद खन्ना ने सुनील दत्त का ऑफर कबूल किया तो उनके पिता नाराज हो गए। उन्होंने विनोद पर बंदूक तान दी और कहा कि यदि वे फिल्मों में गए तो वो उन्हें गोली मार देंगे। हालांकि, विनोद की मां ने उनके पिता को इसके लिए राजी कर लिया। पिता ने कहा कि अगर विनोद दो साल तक कुछ ना कर पाए तो उन्हें फैमिली बिजनेस ज्वाइन करना होगा।

यहाँ दे सकते है श्रदांजलि –

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